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National Girls Day: अल्फिया, इल्मा और मेहरून्निशा...मार लिया मैदान, पढ़ें सुहाग नगरी की तीन बेटियों की कहानी

National Girls Day कटरा पठानान सरकारी स्कूल की बेटियों ने जीती वोडाफोन स्कालरशिप। यूपी में 11 बच्चों में फीरोजाबाद की तीन बेटियां शामिल मेहनत से बनाई पहचान। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली तीन छात्राओं ने परिवार की मुश्किलों के बीच पढ़ाई नहीं छोड़ी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 05:09 PM (IST)
National Girls Day: अल्फिया, इल्मा और मेहरून्निशा...मार लिया मैदान, पढ़ें सुहाग नगरी की तीन बेटियों की कहानी
तीन छात्राओं ने परिवार की मुश्किलों के बीच पढ़ाई नहीं छोड़ी।

आगरा, जागरण संवाददाता। पांच साल पहले अब्बा नहीं रहे और घर में तीन भाई कभी स्कूल नहीं गए..लाकडाउन में पढ़ाई के लिए वाट्सएप वाला मोबाइल भी नहीं था। मैडम जब सबक देकर फाेन करतीं तो वह पड़ोसी के यहां चली जाती। उनके माेबाइल से पढ़ाई करती। ये कहानी लेबर कालोनी के कटरा पठानान स्थित सरकारी स्कूल में आठवीं में पढ़ने वाली अल्फिया की है। अल्फिया के साथ पढ़ने वालीं इल्मा और मेहरून्निशा की कहानी कमोबाेश इसी तरह की है। मुश्किलों ने जूझते परिवारों ने वोडाफोन आइडिया फाउंडेशन की स्कालरशिप जीतकर स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया है। देश के 477 बच्चों में प्रदेश के 11 बच्चे शामिल हैं, उसमें तीन बेटियां शहर के इस स्कूल की हैं। एक शिक्षिका, दो कमरे और तीन क्लास वाले कटरा पठानान उच्च प्राथमिक विद्यालय में साठ से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं। इनमें आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली तीन छात्राओं ने परिवार की मुश्किलों के बीच पढ़ाई नहीं छोड़ी। दो बहनों में बड़ी इल्मा के पिता वसीम कांच कारखाने में काम करते हैं तो चार भाई बहनों में दूसरे नंबर की मेहरून्निशा के पिता की आंखों की रोशनी कम हो गई है। मां घर में चूड़ी झलाई कर बेटी को स्कूल भेजती है। कोरोना काल में मेहरून्निशा ने बड़ी अम्मी के माेबाइल से आनलाइन पढ़ाई की तो अल्फिया के पड़ोसी मददगार बन गए थे। स्कूल की इकलौती शिक्षिका और प्रभारी प्रधानाध्यापिका कल्पना राजौरिया बताती हैं कि वीआइ फाउंडेशन की स्कालपरशिप के लिए स्कूल स्तर पर तीन छात्राओं का चयन हुआ। इसके बाद फाउंडेशन की तरफ आनलाइन इंटरव्यू किया गया। जिसमें ये तीनों सफल हुई है, जिससे स्कूल का नाम रोशन हुआ। बेटियों ने साबित कर दिया कि सीमित हालातों में भी बेहतर किया जा सकता है। तीनों को नौवीं और दसवीं की पढ़ाई के लिए 20-20 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं तीनों छात्राएं सफलता के लिए शिक्षिका को श्रेय देती हैं। कहती हैं कि स्कालरशिप से आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे।

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प्रभारी प्रधानाध्यपिका ने भी जीती थी एक लाख की स्कालरशिप

इससे पहले गुरुशाला वोडाफोन आइडिया में एक लाख रुपये की स्कालरशिप इसी स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका कल्पना राजौरिया ने जीती थी। उस समय प्रदेश में दो महिला शिक्षकों को स्कालरशिप मिली थी, जिसमें दोनों फीरोजाबाद की थी। 


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