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ये हकीकत नहीं किसी उपन्यास से कम, जानिए कैसे गोद ली बेटी ने दिया जीवन भर का सदमा

सिकंदरा आश्रम का मामला 15 नवंबर की रात को दरवाजे का कुंडा तोड़कर हुई गायब। पिता बच्चियों के साथ खुदकुशी करने रेलवे लाइन पर लेकर गया था। लोगों ने दोनों बहनों को बचाकर आश्रम में था पहुुंचाया संचालक ने लिया दोनों बहनों को लिया था गोद।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 04:54 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 04:54 PM (IST)
ये हकीकत नहीं किसी उपन्यास से कम, जानिए कैसे गोद ली बेटी ने दिया जीवन भर का सदमा
सिकंदरा आश्रम का मामला, 15 नवंबर की रात को दरवाजे का कुंडा तोड़कर हुई गायब।

आगरा, जागरण संवाददाता। सिकंदरा के कैलाश घाट स्थित रामलाल आश्रम से सहेली के साथ फरार हुई युवती ने सभी को सदमे में डाल दिया है। वह बचपन में बहन के साथ यहां आई थी। युवती और उसकी बड़ी बहन को आश्रम संचालक ने बचपन में गोद ले लिया था। बेटी के इस तरह आश्रम से जाने पर वह खुद भी सदमे में हैं। आश्रम संचालक का मानना है कि बेटी सहेली के बहकावे में आकर यहां से फरार हुई है।

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रामलाल आश्रम से 15 नवंबर की रात को दो युवतियां वहां के गेट के कुंडे को खोलने के बाद फरार हो गईं है। इनमें एक युवती 14 साल पहले आश्रम में आई थी। उसकी कहानी किसी सामाजिक कथानक पर आधारित उपन्यास की तरह है। बताया जाता है युवती और उसकी बड़ी बहन को पिता खुदकुशी करने के लिए रेलवे लाइन पर लेकर गया था। पिता और दोनों बच्चियों को वहां से गुजरते लोगों ने बचाया। उन्हें थाने पहुंचा दिया। पिता की मानसिक हालत देख पुलिस ने दोनों बच्चियों को आश्रम भेज दिया। पिता दोनों बच्चियों को लेने नहीं आया। आश्रम संचालक और उनकी पत्नी ने दोनों बेटियों को गोद ले लिया। उनका स्कूल में प्रवेश करा दिया। दोनों पढ़ रही हैं। वह आश्रम संचालक और उनकी पत्नी को ही अपने माता-पिता मानती हैं। छोटी बेटी आश्रम संचालक के कामकाज में हाथ बंटाती थी। आश्रम में रहने वाली महिलाओं की देखभाल की जिम्मेदारी छोटी बेटी पर ही थी। रात में वही आश्रम पर रुकती थी।

जबकि फरार हुई दूसरी युवती को वर्ष 2016 में ताजगंज स्थित पंचशील आश्रय गृह से यहां शिफ्ट किया गया था। पंचशील आश्रय गृह में गड़बड़ियां मिलने पर पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों ने उसे बंद करा दिया था। उसके संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद से वह फरार है। वहां से आयी युवती की दोस्ती आश्रम संचालक की बेटी से हो गई। दोनों ज्यादातर समय साथ में रहती थीं। आश्रम की जिम्मेदारी के चलते संचालक की छोटी बेटी के पास मोबाइल रहता था।आशंका है कि आश्रय गृह से आई युवती ने ही उसे वहां से भागने के लिए उकसाया है। इसके बाद दोनों ने मिलकर वहां से भागने की योजना बनाई। आश्रम के गेट के कुंडे का नट बोल्ड खाेल दिया। इसके बाद उसका कुंडा निकालकर वह भाग गईं।

बरामदगी को बनाई हैं चार टीम

इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि युवतियों की बरामदगी के लिए चार टीमें बनाई हैं। युवती के मोबाइल की काल डिटेल निकाली जा रही है। इससे कि यह पता लगाया जा सके वहां से जाने के बाद उसने किन लोगों से संपर्क किया था। टीमों को आसपास के जिलो में भेजा गया है। 


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