Move to Jagran APP

Friendship Day 2021: दोस्ती की अद्भुत मिसाल...कोरोना में जब लोगों ने छोड़ा साथ, दोस्तों ने बढ़ाया हाथ

Friendship Day 2021 फ्रेंडशिप डे पर आगरा के ट्रांसयमुना कालोनी के ऐसे ही बेमिसाल यारों की टोली की कहानी...जो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान परदेश में फंसे अपने दोस्त की कोरोना संक्रमित मां की सेवा में जुटी रही।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 01:32 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 01:32 PM (IST)
Friendship Day 2021: दोस्ती की अद्भुत मिसाल...कोरोना में जब लोगों ने छोड़ा साथ, दोस्तों ने बढ़ाया हाथ
सूरज, राजन, आशीष, योगेश और दमन गुप्ता एक साथ।

आगरा, राजीव शर्मा। दोस्त है तो बेफीक्री है...दोस्त है तो मस्ती है।दोस्त है तो जन्नत है...दोस्त है तो हिम्मत है...कोरोना जैसे कठिन समय में इन्हीं दोस्तों की वजह से हिम्मत बंधी रही। जब अपने साथ छोड़ रहे थे, आस-पड़ोसी मुंह मोड़ रहे थे, तब भी दोस्त भरोसे की डोर को थामे रहे थे। उस वक्त भी, जबकि उन्हें पता था कि जिसका वह साथ देने जा रहे हैं, वह कोरोना संक्रमित है। मगर, दोस्ती में डर किसे...जान की परवाह किसे।शायद...इसी का नाम दोस्ती है। फ्रेंडशिप डे पर ट्रांसयमुना कालोनी के ऐसे ही बेमिसाल यारों की टोली की कहानी...जो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान परदेश में फंसे अपने दोस्त की कोरोना संक्रमित मां की सेवा में जुटी रही।

loksabha election banner

ये टोली है सूरज, राजन, आशीष, योगेश और दमन गुप्ता की। इनमें से सूरज गुप्ता केन्या में नौकरी करता है। उसके परिवार में मां राधा देवी के अलावा दो बहनें हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। ट्रांसयमुना स्थित घर में उसकी मां अकेली रहती हैं। कोरोना की दूसरी लहर के बीच में 71 वर्षीय राधा देवी ने छह अप्रैल को वैक्सीन लगवाई।इसके बाद कुछ दिन बाद उनकी तबियत खराब हो गई। किसी तरह से एक बेटी को पास बुलाया। 19 अप्रैल को जांच कराई तो उनकी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई। सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। ऐसे में न तो आक्सीजन लेवल जांचने वाला था और न कोई दवा लाने वाला। केन्या में फंसा सूरज छटपटा रहा था। फ्लाइट बंद होने के कारण वह मां की मदद को आ भी नहीं पा रहा था। ऐसे में उसने बाकी चारों दोस्तों से इसका जिक्र किया। फिर क्या था, राजन, आशीष, योगेश और दमन गुप्ता मदद को पहुंच गए। न सिर्फ अपने हाथ से आक्सीजन लेवल चेक किया बल्कि उनके लिए आक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराया। इसके बाद भी हर रोज दवा और अन्य जरूरत सामान को पहुंचाया। दोस्तों की इस टोली ने राधा देवी को अपने बेटे की कमी महसूस नहीं होने दीं। दोस्तों की मेहनत का नतीजा रहा कि कुछ दिन वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गईं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.