शारदीय नवरात्र में अष्टमी व नवमी पूजन को लेकर भ्रम
पंचांग का हवाला देकर कई पंडित शनिवार को बता रहे अष्टमी व नवमी तो कई रविवार को बता रहे नवमी और दशमी
आगरा, जागरण संवाददाता। शारदीय नवरात्र में अष्टमी और नवमी पूजन को लेकर भ्रम बना हुआ है। अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार श्रद्धालू पूजन करेंगे।
पं. राधेश्याम श्रोत्रिय के अनुसार शनिवार को अष्टमी है। शनिवार सुबह 7:30 बजे से अष्टमी लग जाएगी। उदया तिथि के अनुसार अष्टमी शनिवार को मनाई जाएगी। रविवार को नवमी सुबह 7:30 बजे के बाद होगी। नवमी पूजन इस दिन किया जाएगा। चूंकि रावण दहन शाम को ही होता है, इसलिए इसी दिन विजयादशमी मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य डा. हरीशकर पाराशर के अनुसार पंचागों में भी भ्रम है। काशी विश्व पंचाग के अनुसार शनिवार को महाष्टमी है व रविवार महानवमी पूजन लिखा। दशमी दोपहर 11 बजे बाद लगेगी। दुर्गा विसर्जन सोमवार को लिखा है। वहीं दूसरी ओर निर्णय सागर और ब्रज भूमि पंचाग के अनुसार शुक्रवार को महाष्टमी पूजन, शनिवार को महानवमी पूजन किया जाएगा। विजयादशमी रविवार को मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्गेश कौशिक ने बताया कि शनिवार को अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को षष्टी तिथि सुबह 7:39 बजे तक रही। उसके बाद सप्तमी तिथि शुरू हो गई, जो शुक्रवार सुबह 6:57 मिनट तक रहेगी। शुक्रवार को इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी जो शनिवार सुबह 6:58 बजे तक रहेगी। नवमी तिथि का आरंभ शनिवार सुबह 6:59 मिनट से होगा, जो रविवार सुबह 7:41 बजे तक रहेगी। दशमी तिथि का प्रारंभ रविवार को सुबह 7:42 बजे से होगा जो सोमवार सुबह 9 बजे तक रहेगी। रविवार को ही विजयादशमी मनाई जाएगी।
शास्त्रों के अनुसार यदि नवमी तिथि अष्टमी के दिन ही प्रारंभ हो जाती है तो नवमी पूजा और उपवास अष्टमी को ही किया जाता है। यदि अष्टमी के दिन सायंकाल से पहले अष्टमी और नवमी तिथि का विलय हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अष्टमी पूजा व नवमी पूजा उसी दिन करने का विधान है। अत: नवमी का पूजन 24 अक्टूबर को ही करना शास्त्र सम्मत है।
वहीं, सिद्धिदात्री देवी मंदिर, इंद्रपुरी न्यू आगरा के व्यवस्थापक विवेक अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में शनिवार को अष्टमी और रविवार को नवमी पूजन किया जाएगा।