प्रेम पगी डोर से सजी भैया की कलाई, राखी के त्योहार की उमंग छाई Agra News - फोटो
सुबह 10 बजकर 20 मिनट से रात 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा शुभ मुहूर्त। सुबह से बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों पर भीड़।
आगरा, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। त्योहार की उमंग गुरुवार सुबह से ही शहर में दिखने लगी। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के साथ पड़े इस त्योहार पर बहिनें, भाई के घर जाने की तैयारी में हैं। रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर अच्छी भीड़ रही। अाज के दिन रात 8.10 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा।
स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का एक साथ
रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ पर मनाया जाएगा। इस बार 19 साल बाद स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का एक साथ योग बना है। इससे पहले यह संयोग साल 2000 में बना था।
नहीं है भद्रा काल
ज्योतिषाचार्य पं. हरिकृष्ण पाराशर ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल नहीं है और न ही किसी तरह का कोई ग्रहण है। यही वजह है कि इस बार रक्षाबंधन शुभ संयोग वाला और सौभाग्यशाली है।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ -14 अगस्त 2019 को रात 9 बजकर 15 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 15 अगस्त 2019 को रात 11 बजकर 29 मिनट तक
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
सुबह 10 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 10 मिनट तक का समय राखी बंधवाने के लिए शुभ है।
अपराह्न मुहूर्त
दोपहर 01 बजकर 06 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक
प्रदोष काल में राखी बांधने का मुहूर्त - शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक।
ये है शुभ मुहूर्त
पं. हरिकृष्ण पाराशर के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन अपराह्न यानि कि दोपहर में राखी बांधनी चाहिए। अगर अपराह्न का समय उपलब्ध न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधना उचित रहता है। भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, हालांकि इस बार भद्रा नहीं लग रही हैं।
राखी बांधने की पूजा विधि
सबसे पहले राखी की थाली सजाएं। इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें।
- इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानि कि राखी बांधें।
- राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें।
- फिर भाई को मिठाई खिलाएं।
- अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्पर्श करने चाहिए।
- राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्छा और सामथ्र्य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए।
- ब्राह्मण या पंडित भी अपने यजमान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं।
घेवर की हुई खूब बिक्री
रक्षाबंधन पर मिठाइयों में घेवर की बिक्री सबसे अधिक होती है। घेवर खरीदने के लिए बुधवार को रात तक मिठाई की दुकानों पर भीड़ लगी रही। त्योहार से एक दिन पूर्व हजारों किलो मिठाई बिक गई। आज भी सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर नजारा अलग ही रहा। इस मिष्ठान की मांग पूरा करने के लिए छोटे हलवाई से लेकर प्रतिष्ठित हलवाई महीनों पहले से काम शुरू कर देते हैं। इसे बनाने का काम प्रत्येक गली मुहल्ले में जोर शोर से शुरू हो जाता है। कारोबारियों का कहना है कि एक दुकान से एक हजार किलो से अधिक घेवर की बिक्री होती है। जबकि शहर में मिठाई की सैकड़ों दुकान है।
सादा और मलाई घेवर की रही धूम
ग्राहकों को लुभाने के लिए विक्रेता कई वैरायटी के घेवर बनाते हैं, लेकिन डिमांड कुछेक ही रहती है। अग्रवाल स्वीट्स के मालिक विजय अग्रवाल के मुताबिक चॉकलेट, पिस्ता, बादाम आदि कई तरह के घेवर बनाए जाते हैं। मगर, सादा और मलाई घेवर सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसकी कीमत 440 रुपये किलो होती है।
नहीं बचा सस्ता घेवर
शहर में जितना महंगा घेवर खाने वाले लोग हैं, उससे कई गुना सस्ता घेवर खाने वाले हैं। यही कारण है कि पर्व से एक दिन पूर्व सस्ते घेवर की जबरदस्त डिमांड रही। संकरी गली व बाजारों में विक्रेताओं ने फड़ों पर घेवर रख इसकी बिक्री की। करीब 250 रुपये कीमत वाले घेवर की मांग जोरों पर रही। जो घेवर बचा, वह आज सुबह बिक गया।
खूब बिके गिफ्ट हैंपर
केवल घेवर ही नहीं बल्कि इसके साथ गिफ्ट हैंपर भी काफी सेल हुए। एमजी रोड स्थित भगत हलवाई के मालिक शिशिर भगत के मुताबिक गिफ्ट हैंपर में बच्चों को लुभाने के लिए कंफेक्शनरी का सामान रखा जाता है। जैसे बिस्कुट, चॉकलेट, जूस, नमकीन आदि। इनकी कीमत 300 रुपये से शुरू हो जाती है।
उपहार खरीदने को उमड़े लोग
बुधवार को उपहार के बाजार पर जमकर पैसा बरसा। बहनों को देने के लिए भाइयों ने जमकर खरीदारी की। इसमें सबसे ज्यादा स्मार्टफोन, ज्वैलरी, चॉकलेट्स, परफ्यूम, कॉस्मेटिक, रेडीमेड कपड़ों आदि की बिक्री रही है। राजामंडी, कमला नगर, न्यू आगरा, सदर, शाहगंज आदि बाजारों में देर रात तक खरीदारों की भीड़ उमड़ी।
राखी खरीदने को लगी भीड़
रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर शहर के बाजारों में जमकर रौनक रही। बहनों ने भाइयों के लिए देर रात तक राखी और त्योहार के सामान की खरीदारी की। बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर की राखी तो बड़ों के लिए डिजाइनर धागों की मांग अधिक रही। इस बार फॉम वाली बड़ी राखियां कम पसंद की गईं।