Move to Jagran APP

160 से 200 किमी तक की रफ्तार पर दौड़ेंगी ट्रेन, लगाए जा रहे सुरक्षित कोच Agra News

जर्मन तकनीक से बने कोचों में दुर्घटना होने की भी कम संभावना। फास्ट स्पीड ट्रेनों के लिए किए गए हैं डिजाइन।

By Edited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 06:20 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 11:22 AM (IST)
160 से 200 किमी तक की रफ्तार पर दौड़ेंगी ट्रेन, लगाए जा रहे सुरक्षित कोच Agra News
160 से 200 किमी तक की रफ्तार पर दौड़ेंगी ट्रेन, लगाए जा रहे सुरक्षित कोच Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे लगातार काम कर रहा है। इसके तहत ही दो दिन पहले आगरा-झांसी ट्रैक पर लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच के साथ ट्रायल किया गया। यह कोच 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौडऩे में सक्षम है। इन कोचों को गतिमान और शताब्दी जैसी ट्रेनों के बाद अन्य ट्रेनों में भी लगाने की कवायद शुरू हो गई है। जर्मन तकनीक से बने यह कोच कई खूबियों से लैस हैं। 

loksabha election banner

गत मंगलवार को रेलवे ने आगरा से झांसी ट्रैक पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए ट्रायल किया था। इसमें एलएचबी कोचों को लगाया गया था। इन कोच का प्रयोग तेज गति वाली ट्रेनों में किया जाता है। देश की सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और राजधानी एक्सप्रेस में इन्हीं कोच का प्रयोग किया जाता है। एलएचबी कोच को फास्ट स्पीड ट्रेन के लिए ही डिजाइन किया गया है, इनमें क्षमता होती है कि ये 160 से 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड में दौड़ सकें।

दुर्घटना होने की कम आशंका

एलएचबी कोच में रेलवे यात्रियों की यात्रा काफी सुरक्षित है। इनमें दुर्घटना होने की आशंका कम रहती है। कोच में एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम होता है, जिसके कारण इसके डिब्बे आसानी से पटरी से नहीं उतर पाते। डिब्बे स्‍टेनलैस स्टील और एल्यूमिनियम के बने होते हैं। एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक सिस्टम होता है, जिससे ट्रेन को जल्दी रोका जा सकता है। इसके अलावा ट्रेन के चलने पर आवाज कम आती है। इसका साउंड लेवल 60 डेसीबल का होता है। डिब्बों के बीच अलग तरह से कपलिंग की जाती है, ताकि दुर्घटना होने पर डिब्बे एक के ऊपर एक न चढ़ें।

सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाने की तैयारी

आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा-झांसी ट्रैक पर एलएमबी कोच का एक ट्रायल हो चुका है। इन कोचों को अभी गतिमान, शताब्दी में प्रयोग किया जा रहा है। जल्द ही सुपरफास्ट ट्रेनों में भी इन्हें लगाने की तैयारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.