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Fatehpur Sikri: रेलिंग करेगी फतेहपुरी सीकरी स्मारक का संरक्षण और सैलानियों की सुरक्षा

Fatehpur Sikri अनूप तालाब तुर्की सुल्ताना के महल और दीवान-ए-खास में लगाई गई है रेलिंग। 16 लाख रुपये से किया गया है संरक्षण और लकड़ी की रेलिंग लगाने का काम। बरामदे के पिलर के बीच रेलिंग लगाकर हादसों को रोकने का प्रयास किया गया है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 11:47 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 11:47 AM (IST)
Fatehpur Sikri: रेलिंग करेगी फतेहपुरी सीकरी स्मारक का संरक्षण और सैलानियों की सुरक्षा
फतेहपुर सीकरी में रेलिंग लगाकर किया जा रहा है संरक्षण।

आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी में साल की लकड़ी से बनी रेलिंग स्मारक के संरक्षण के साथ सैलानियों की सुरक्षा करेगी। रेलिंग की वजह से अब सैलानी दीवान-ए-खास के पिलर को छू नहीं सकेंगे, जिससे वो सलामत बना रहेगा। वहीं, फोटोग्राफी के दौरान सैलानियों के गिरकर चुटैल होने की घटनाओं पर भी रोक लगेगी।

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फतेहपुर सीकरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अनूप तालाब, तुर्की सुल्ताना के महल और दीवान-ए-खास के पिलर के चारों ओर लकड़ी की रेलिंग लगवाई है। रेलिंग व अन्य संरक्षण कार्यों पर करीब 16 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। अनूप तालाब में पानी भरा रहता है और तालाब के गहरा होने से उसमें सैलानियों के गिरने पर हादसे की आशंका रहती है। तालाब से पर्यटकों को दूर रखने के लिए उसके चारों ओर रेलिंग लगाई गई है। तुर्की सुल्ताना का महल फर्श के लेवल से ऊंचा है। उसके बरामदे में फोटोग्राफी करते वक्त पर्यटक गिरने पर चुटैल हो जाते हैं। बरामदे के पिलर के बीच रेलिंग लगाकर हादसों को रोकने का प्रयास किया गया है।

अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि विभाग का काम स्मारकों के संरक्षण के साथ सैलानियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है। फतेहपुर सीकरी में अनूप तालाब और तुर्की सुल्ताना के महल पर रेलिंग सैलानियों की सुरक्षा को लगाई गई है। दीवान-ए-खास के पिलर के चारों ओर रेलिंग उसे सैलानियों के स्पर्श से बचाने को लगाई गई है।

दीवान-ए-खास में लगेगा टफन ग्लास

दीवान-ए-खास में स्थित पिलर के चारों ओर एएसआइ ने लकड़ी की रेलिंग लगाकर सैलानियों को उसे छूने से रोकने की कोशिश की है। सैलानियों के स्पर्श से पिलर के पत्थर काले पड़ते जा रहे थे। पिलर के चारों ओर टफन ग्लास भी लगाया जाएगा। इससे सैलानी पिलर को रेलिंग क्रास करने के उपरांत छूकर नहीं देख सकेंगे। टफन ग्लास से आर-पार नजर आने की वजह से पिलर नजर आता रहेगा। पूर्व में ताजमहल में संगमरमर की जाली के चारों ओर टफन ग्लास लगाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका था।

यह काम भी किए

एएसआइ ने अनूप तालाब के संरक्षण को उसमें भरे पानी और कीचड़ को बाहर निकाला था। अनूप तालाब के ऊपर बीच में बने चबूतरे के दासा के खराह हुए पत्थर बदले गए। यहां तालाब खाली होने पर सीढ़ियों के कुछ पत्थर खराब मिले थे, उन्हें बदला गया। प्वाइंटिंग का काम किया गया। अनूप तालाब के नजदीक स्थित ख्वाबगाह में पिलर और पिलर बेस के खराब पत्थरों काे भी बदला गया।

ताजमहल में लगाई जा चुकी हैं रेलिंग

ताजमहल में मुख्य मकबरे के व्हाइट प्लेटफार्म के चारों ओर संगमरमर की जाली लगी है। इसकी ऊंचाई अधिक नहीं है और सैलानी उसके नजदीक जाकर नीचे झांकने की कोशिश करते हैं। यहां पूर्व में रस्सी बांधकर सैलानियों को रेलिंग के नजदीक जाने से रोका जाता था। पिछले वर्ष यहां लकड़ी की रेलिंग लगा दी गई, जिससे सैलानी संगमरमर की जाली के नजदीक नहीं जाएं। मुख्य मकबरे में संगमरमरी जाली और स्मारक की दीवारों पर हो रही पच्चीकारी काे सैलानियों के स्पर्श से बचाने को पूर्व में ही रेलिंग लगाई जा चुकी हैं। 


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