NGT: राधा बल्लभ स्कूल में डूब क्षेत्र का फिर से होगा सीमांकन, वजह है ये
एडीए सचिव ने नमामि गंगे योजना के निदेशक और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को लिखा पत्र। एनजीटी में चल रहा है डूब क्षेत्र का वाद। दयालबाग क्षेत्र के कई प्रोजेक्ट आए थे इस दायरे में। तीन बार हो चुका है सर्वे।
आगरा, जागरण संवाददाता। दयालबाग स्थित राधा बल्लभ स्कूल में डूब क्षेत्र का फिर से सीमांकन होगा। एडीए सचिव राजेंद्र प्रसाद ने नमामि गंगे योजना के निदेशक और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखा है, बिना सीमांकन के एडीए कोई कार्रवाई नहीं करेगा। वर्ष 2014 में समाजसेवी डीके जोशी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में 19 प्राेजेक्ट के खिलाफ याचिका दायर की थी। एनजीटी के आदेश पर अब तक तीन बार सर्वे हो चुका है। जांच में डूब क्षेत्र से 11 प्रोजेक्ट बाहर हो चुके हैं।
एक साल पूर्व एनजीटी ने पुष्पांजलि हाइट, मंगल एस्टेट, जवाहर बाग फेज टू, तनिष्क राजश्री एस्टेट, राधा बल्लभ स्कूल, कल्याणी हाइट, गणपति वंडर सिटी, राजश्री गार्डन में डूब क्षेत्र के हिस्से को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। राधा बल्लभ और गणपति वंडर सिटी को छोड़कर बाकी छह प्रोजेक्ट में कार्रवाई हो चुकी है। गणपति वंडर सिटी ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले रखा है, जबकि राधा बल्लभ स्कूल में डूब क्षेत्र का सीमांकन ठीक से नहीं हुआ था। इसके चलते एडीए टीम ने कोई कार्रवाई नहीं की। डूब क्षेत्र का वाद एनजीटी में विचाराधीन है जिसमें एडीए को जल्द जवाब दाखिल करना है। एडीए सचिव राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पूर्व में सभी प्रोजेक्ट में डूब क्षेत्र का सीमांकन नमामि गंगे और सिंचाई विभाग की टीम ने किया था।
शमन योजना में एक करोड़ की धनराशि हुई जमा
अवैध निर्माण को वैध कराने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक 35 भवन स्वामियों ने आवेदन किया है जिसमें 14 आवेदन का निस्तारण हो चुका है। इससे एडीए को एक करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।