Move to Jagran APP

टोपी-मुखौटे लगाए तो प्रत्याशी को भुगतना पड़ेगा खर्च, हो गए सब सतर्क

प्रचार सामग्री पर चुनाव आयोग रख रहा कड़ी नजर। साडिय़ां और शॉल बांटने पर भी है प्रतिबंध।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 07:06 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 07:06 PM (IST)
टोपी-मुखौटे लगाए तो प्रत्याशी को भुगतना पड़ेगा खर्च, हो गए सब सतर्क
टोपी-मुखौटे लगाए तो प्रत्याशी को भुगतना पड़ेगा खर्च, हो गए सब सतर्क

आगरा, जेएनएन। अब तक पार्टियों के कार्यक्रमों में टोपी और मुखौटे खूब बांटे गए, मगर अब अंकुश रहेगा। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में यह प्रावधान है कि टोपी, मुखौटे, गले में डालने वाला पट्टा आदि राजनीतिक दलों की सभाओं व अन्य कार्यक्रमों में बांटा गया तो उसका खर्च प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ दिया जाएगा। साड़ी बांटने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।

prime article banner

भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखौटे सबसे ज्यादा बांटे। पार्टी की बड़ी बैठकों में यह मुखौटे वितरित किए गए। इसके अलावा कमल ब्रांड गले के पट्टे भी बांटे जाते रहे। तमाम पुस्तकें व प्रचार सामग्री आचार संहिता लागू होने से पहले ही भाजपा ने वितरित कर दी। इसी तरह समाजवादी पार्टी ने भी लाल रंग की टोपियां खूब बांटीं। पार्टी की बैठकों में कार्यकर्ता यह टोपी लगाते हुए देखे गए, लेकिन अब आचार संहिता ने कुछ शिकंजा कस दिया है। राजनीतिक दलों की हर गतिविधि पर खुफिया तंत्र की नजर है। एक-एक गतिविधि दर्ज की जा रही है। यहां तक कि किस बैठक में कितना भोजन बंटा, कहां से बनकर आया और पैसा किसने खर्च किया। यह पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रहीं हैं।

प्रचार सामग्री से कांग्रेस फिलहाल थोड़ी दूरी बनाए हुए है। उसका प्रचार साहित्य यहां अधिक नहीं आ पाया है, जबकि इस मामले में भाजपा ने बाजी मार ली। हालांकि फोल्डर, पेम्फलेट व अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल की उपलब्धियों से भरी पुस्तकें यहां भी वितरित की गईं। आचार संहिता के अंतर्गत यह नियम है कि अगर किसी भी प्रत्याशी या राजनीतिक दल ने साडिय़ां, शॉल बांटी तो सीधे एफआइआर होगी, अगर स्कार्फ बांटे गए तो उसका खर्च चुनाव खर्च में ही जोड़ा जाएगा। दरअसल इस बार आचार संहिता में कई ऐसे प्रावधान कर दिए गए हैं जो चुनाव प्रचार के दौरान जरा सी चूक होने पर प्रत्याशियों के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। दरअसल प्रत्‍याशी की चुनाव में खर्च सीमा 70 लाख रुपये तय की गई, इसलिए व्‍यय का पूरा ब्‍यौरा रखा जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.