धार्मिक ट्रस्ट की कोठी पर कब्जे का प्रयास, हंगामा, सिख समाज में उबाल
-गुरु महाराज की निशानियां गायब कीं, दरवाजे को तोड़ किया कब्जा -एसएसपी आवास के बराबर में है कोठी, मौके पर जुटा सिख समाज
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएसपी आवास के पास स्थित धार्मिक ट्रस्ट की कोठी पर कब्जे का प्रयास किया गया। वहां रखीं गुरु महाराज की निशानियों को गायब कर दिया गया। इसकी जानकारी होने पर सिख समाज में आक्रोश फैल गया। मंगलवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग जुट गए। हंगामे की जानकारी पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी फोर्स के साथ पहुंच गए।
बालूगंज में एसएसपी आवास के बराबर में कोठी नंबर 23 है। गुरु तेग बहादुर चैरिटेबिल ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार उक्त कोठी ट्रस्ट की है। इसकी मालिक अमृत कौर ने वर्ष 2008 में इसे ट्रस्ट को दे दिया था। इसके बाद यहां समाज से जुड़े धार्मिक आयोजन होते रहे। यहां गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी एवं धार्मिक ग्रंथ रखे थे। इसकी देखभाल करने वाले ट्रस्ट के लोग व्यस्तता के चलते कुछ समय से यहां नहीं आ रहे थे।
सोमवार को ट्रस्ट के कुछ लोग यहां पहुंचे तो कोठी परिसर का दृश्य देखकर होश उड़ गए। वहां से गुरु महाराज की निशानियां गायब थीं। कोठी में रामवीर नाम का व्यक्ति परिवार के साथ रह रहा था। कोठी पर कब्जे की जानकारी होते ही बाबा प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए। कोठी में कब्जा करने वालों ने पथराव करके समाज के लोगों को अंदर आने से रोकने का प्रयास किया। इस पर सिख समाज में आक्रोश फैल गया। हंगामा होने की जानकारी पर एसपी सिटी प्रशांत वर्मा, एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव और कई थानों का फोर्स पहुंच गया। ट्रस्ट के लोगों का कहना था कि कोठी के पिछले दरवाजे का ताला तोड़कर कब्जा किया गया। आसपास रहने वाले लोगों को भी नहीं पता था कि अंदर कोई परिवार रह रहा है।
अधिकारियों और बाबा प्रीतम सिंह में वार्ता के बाद कोठी में रहने वाले लोगों का सामान पुलिस ने बाहर निकाल दिया। अधिकारियों ने आरोपितों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद सभी संगतों द्वारा अरदास की गई। दोबारा से गुरु महाराज का प्रकाश कर कीर्तन कराया गया।
एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने बताया कि कोठी पर अपना दावा करने वाले महिपाल बघेल को हिरासत में लिया गया है।
चुनाव लड़ चुका है कब्जे का आरोपित
कब्जे का आरोपित महिपाल बघेल निकाय चुनाव भी लड़ चुका है। वह चार रहट बालूगंज का रहने वाला है। महिपाल ने पुलिस को बताया कि वह पेशे से चिकित्सक है। उसने दावा किया कि वह अमृत कौर का दत्तक पुत्र है। उन्होंने वर्ष 2003 में उसके नाम पॉवर आफ अटॉर्नी करने के साथ ही रजिस्टर्ड वसीयत की थी। इसके सारे दस्तावेज उसके पास हैं। तीन हजार रुपये महीने पर दी थी कोठी
कोठी में पत्नी और बच्चों के साथ रहने वाले रामवीर ने बताया कि वह पहले महिपाल के शाहगंज स्थित मकान में किराएदार था। जिसे बेचकर महिपाल ने दो महीने पहले उसे यहां लाकर रख दिया। इसके एवज में 20 हजार रुपये पेशगी लेने के साथ ही तीन हजार रुपये महीना किराया देना तय हुआ था।