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NOC for Land: एनओसी में आ रही दिक्कत, ऑनलाइन साफ्टवेयर ने बढ़ाई मुश्किल

प्रमुख सचिव आवास ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनी समस्याएं। नक्शा पास होने के बाद उसमें बदलाव को लेकर बन रहा बॉयलॉज।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 10:44 AM (IST)
NOC for Land: एनओसी में आ रही दिक्कत, ऑनलाइन साफ्टवेयर ने बढ़ाई मुश्किल
NOC for Land: एनओसी में आ रही दिक्कत, ऑनलाइन साफ्टवेयर ने बढ़ाई मुश्किल

आगरा, जागरण संवाददाता। भवन स्वामियों को राहत देते हुए पांच माह पूर्व प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन नक्शा पास करने की सेवा शुरू की हर दिन दो से तीन नक्शे के आवेदन आ रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत जमीन की एनओसी को लेकर आ रही है। ऑनलाइन एनओसी नगर निगम, जल संस्थान, जल निगम सहित अन्य विभागों को भेजी जाती है। जल्द से जल्द एनओसी भेजने के लिए कहा जाता है लेकिन इस कार्य में लंबा समय लगता है।

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प्रमुख सचिव, आवास दीपक कुमार ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की। ऑनलाइन नक्शा प्रणाली की जानकारी ली। एडीए के अफसरों ने प्रमुख सचिव को विभिन्न समस्याओं के बारे में बताया। इसकी शिकायत बिल्डरों और आर्किटेक्ट ने की थी। अफसरों के मुताबिक साफ्टवेयर में धनराशि के एडजेस्टमेंट में दिक्कत आ रही है। इससे भवन स्वामी का पैसा फंस जाता है। ले-आउट और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। नक्शे में अगर कोई बदलाव करवाना चाहता है तो अलग से इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। प्रमुख सचिव ने बताया कि नक्शे में बदलाव को लेकर धारा-16 के तहत नया बॉयलॉज बनाया जा रहा है। इसी तरह से जोभी समस्याएं आ रही हैं। उन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा। एडीए उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह कुशवाहा, मुख्य नगर नियोजक आरके सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

रेरा ने दूर की समस्याएं, 146 परियोजनाओं का है पंजीकरण

उप्र भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुए कार्यक्रम में रेरा के नियमों और सेक्टर के प्रति जागरूकता बढ़ाया गया। बिल्डरों की विभिन्न समस्याओं को भी सुना गया। रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने रेरा से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्राहक को नियमों की जानकारी देनी जरूरी है। कार्यों में पारदर्शिता लाना रेरा का कार्य है। एडीए उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि रेरा में 146 प्रोमोर्टस और एडीए की पांच परियोजनाएं पंजीकृत हैं। कुल 151 परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ है। अब तक 31 परियोजनाओं को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो चुका है। नियमित अंतराल में जो भी समस्याएं हैं। उनका समाधान किया जाता है।


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