Fire in Gas Capsule: गैस कैप्सूल में विस्फाेट होने पर कई किलोमीटर तक मचती तबाही
Fire in Gas Capsule कैप्सूल में भरी थी 18 मीट्रिक टन एलपीजी। एक ओर पेट्रोल पंप तो दूसरी ओर था डीवीवीएनएल कार्यालय। इसके अलावा आसपास में कई रिहायशी इलाके भी हैं। गनीमत है कि आग एलपीजी कैप्सूल के वॉल्व तक नहीं पहुंची।
आगरा, जागरण संवाददाता। सिकंदरा हाईवे पर 18 मीट्रिक टन एलपीजी से भरे कैप्सूल में आग को समय रहते काबू कर लिया गया, अन्यथा विस्फोट होने पर कई किलोमीटर तक तबाही का मंजर हो सकता था। एलपीजी कैप्सूल के एक ओर पेट्रोल पंप और दूसरी तरह दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनल) के महा प्रबंधक का कार्यालय के अलावा कई बस्तियां थीं।
एलपीजी कैप्सूल के चालक केबिन में आग लगने और उसके डीजल टैंकर में धमाके के बाद आग विकराल रूप ले सकती थी। इससे कैप्सूल के वाल्व क्षतिग्रस्त होने की आशंका थी। वाल्व क्षतिग्रस्त होने पर स्थित बेकाबू हो जाती। कैप्सूल में विस्फोट से पेट्रोल पंप, डीवीवीएनएल प्रबंधक का कार्यालय और हाइडिल कॉलोनी, सराय वेगा, गुरु तेग बहादुर कालोनी, आइएसबीटी, आरटीओ कार्यालय समेत आसपास का पूरा इलाका चपेट में आ जाता। पूरे इलाके में आग इतनी तेजी से फैलती कि उसे नियंत्रित करना मुश्किल होता।
फायर ब्रिगेड एक दमकल चालक के केबिन में लगी आग काबू करने में लगी थी। जबकि पांच दमकल कैप्सूल के दोनों तरफ से पानी डालकर उसका तापमान नियंत्रित करने का प्रयास करती रहीं। दमकल कर्मी बीच-बीच में कैप्सूल में लगे मीटर को भी चेक कर रहे थे। जो कि कैप्सूल में गैस के दबाव को बताता है। करीब एक घंटे तक लगातार पांच दमकलों द्वारा कैप्सूल पर पानी डालकर उसके गैस के दबाव में सामान्य स्थित में लाया गया।
बस्ती के बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक मिलाते रहे फोन
हाईवे पर स्थित सराय वेगा बस्ती के लोगों को एलपीजी कैप्सूल में अाग लगने का पता चलने पर उनमें दहशत फैल गयी। अधिकांश लोग अपने घरों से बाहर निकलकर आ गए थे। बस्ती के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक 112 नंबर पर लगातार फोन मिलाते रहे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी कहां पहुंची, इसकी पल-पल की जानकारी लेते रहे। दमकलों के पहुंचने पर लोगाें ने राहत की सांस ली।
पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने दिखाया साहस
गुरु का ताल स्थित पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने राजीव कुमार और महेश ने साहस दिखाया। दोनों कर्मचारियों ने बताया कि हाईवे पर दौड़ते कैप्सूल के चालक के केबिन से अचानक लपटें निकलने लगीं। उसका चालक जान बचा केबिन से कूदने के बाद आग बुझाने का प्रयास करने लगा। इस पर वह दोनों भी पेट्राेप पंप पर रखे फायर स्टिग्यूलर लेकर दौड़ पड़े। मगर, लपटों की तपिश और उसकी विकरालता के चलते उन्हें और चालक को कुछ देर बाद वहां से हटना पड़ा।
गुरुद्वारे के सेवकों ने संभाली हाईवे की व्यवस्था
हाईवे पर ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए गुरुद्वारा गुरु का ताल के सेवकों ने व्यवस्था को संभाला। वह पुलिस के साथ मिलकर लोगों को एलपीजी कैप्सूल में लगी आग की जानकारी देकर उधर जाने से रोकते रहे।