अब कैदी भी 'कमाएंगे' कुंभ का 'पुण्य', जानिये कैसे होगा ये संभव
मेला स्थल में लगी स्टॉल पर बिकेंगे कैदियों के बनाए सामान। बच्चों के कुर्सी-मेज तो महिलाओं के लिए बनाए हैं बेलन।
आगरा, अली अब्बास। प्रयागराज में मंगलवार से आरंभ हो रहे कुंभ मेले में आगरा सेंट्रल जेल के कैदी भी पुण्य कमा सकेंगे। उनके बनाए लकड़ी के सामान वहां स्टॉल पर बेचे जाएंगे। कभी दूसरों की जिंदगी से खेलने वाले हाथों ने हुनर सीखा तो बच्चों और महिलाओं के काम आने वाली चीजें तैयार कीं।
केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काटते कयूम, पप्पू पेंटर, इसरार, अमजद समेत करीब तीन दर्जन कैदियों ने पश्चाताप का अनोखा तरीका अपनाया। हथियार उठाने से तौबा कर चुके यह कैदी अब लकड़ी को हर रोज नई शक्ल देते हैं। वे बच्चों के लिए कुर्सी-मेज एवं खिलौने बनाते हैं तो महिलाओं के लिए चकला-बेलन, चम्मच, मोमबत्ती स्टैंड, स्टूल आदि। यह समान विभिन्न शहरों में मेलों में लगने वाली स्टॉल पर बिक्री के लिए भेजते हैं।
संगम नगरी में हो रहे कुंभ मेले में सूबे की जेलों के कैदियों द्वारा बनाया गया सामान बेचने के लिए स्टॉल लग रहा है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों के लिए गंगा में डुबकी लगाना तो संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने वहां मौजूदगी जाहिर करने की तैयारी दो महीने पहले शुरू कर दी थी। उनका बनाया सारा सामान रविवार को कुंभ में लगने वाली स्टॉल के लिए रवाना कर दिया गया।
कोर्ट का फर्नीचर बनाने में विशेषज्ञता
आगरा सेंट्रल जेल के कैदियों को कोर्ट के लिए कुर्सी मेज, बेंच बनाने में विशेषज्ञता हासिल है। उनके बनाए फर्नीचर की मजबूती के चलते प्रदेश की अधिकांश कोर्ट में यहां से फर्नीचर बनाकर भेजा जाता है। पिछले महीने यहां से संभल फर्नीचर भेजा गया था।
जल्द भेजा जाएगा फर्नीचर
कुंभ मेले में लगी स्टॉल के लिए कैदियों ने फर्नीचर तैयार किया है। इसे वहां बिक्री के लिए भेजा गया है।
- संजीव त्रिपाठी, डीआइजी कारागार