Phone in Jail: जेल में बंद कैदी अब भरपूर कर सकेंगे बात, इस वजह से दी जा रही ये सुविधा
Phone in Jail कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बंद हैं मुलाकात। डीजी कारागार ने जेल अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश।
आगरा, जागरण संवाददाता। जेलों में निरुद्ध बंदी अब सप्ताह में पांच बार में स्वजन से बात कर सकेंगे। महानिदेशक (डीजी) कारागार आनंद कुमार ने इसे लेकर जेल अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। जेलों में पीसीओ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
कोरोना वायरस के संक्रमण को जेलों में फैलने से रोकने के लिए पांच महीने से बंदियों की मुलाकात बंद है। स्वजन से बातचीत या संपर्क न होने पर बंदियों के तनाव का शिकार होने की आशंका थी। डीजी जेल ने जेलों में लगे पीसीओ से बंदियों की उनके स्वजन से फोन पर बात कराने के दिशा-निर्देश दिए थे। बंदी फोन पर सप्ताह में दो बार स्वजन से पांच मिनट बात कर सकते थे। संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए मुलाकात पर प्रतिबंध अभी जारी रहेगा। इसलिए बातचीत करने की सुविधा के दिन बढ़ा दिए गए हैं।
इसके मद्देनजर डीजी जेल आनंद कुमार ने जेल अधिकारियों को बंदियों की सप्ताह में पांच दिन स्वजन से बात कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला जेल में वर्तमान में तीन हजार बंदी हैं, इनके लिए 11 पीसीओ चल रहे हैं। वहीं सेंट्रल जेल में 1890 बंदी अाैर दो पीसीओ हैं। स्वजन से बात करने वाले बंदियोंं से एक रुपये प्रति मिनट की दर से शुल्क लिया जाता है। जेलों में बंदियों की संख्या को देखते हुए पीसीओ की संख्या बढ़ाने का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
बंदी अब सप्ताह में पांच बार स्वजन से बात कर सकते हैं। जेलों में बंदियों की संख्या को देखते हुए पीसीओ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
आनंद कुमार, डीजी जेल