PMKVY: आगरा के केंद्रीय कारागार में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से हुनरमंद बन रहे बंदी
PMKVY जेल में चलने वाले विभिन्न उद्योगों के लिए कौशल विकास योजना के तहत तैयार हो रहे प्रशिक्षित कारीगर बंदी।फर्नीचर उद्योग इलेक्ट्रीसिटी और प्लंबर आदि ट्रेड का ले रहे हैं प्रशिक्षण। केंद्रीय कारागार में वर्तमान में 1850 से ज्यादा सजायाफ्ता बंदी निरुद्ध हैं ।
आगरा, अली अब्बास। इरादे नेक हाे जाएं तो मंजिलें भी आसान होती हैं । आगे का रास्ता भी खुद ब खुद साफ नजर आने लगता है। केंद्रीय कारागार के दर्जनों बंदियों ने भी इसे आत्मसात करने का प्रयास किया। जेल प्रशासन की मदद से अपने इरादों को अमलीजामा पहनाने की कोशिश में जुटे हैं। यह बंदी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण लेकर हुनरमंद बन रहे हैं। इससे कि सजा काटकर बाहर निकलने के बाद वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
केंद्रीय कारागार में वर्तमान में 1850 से ज्यादा सजायाफ्ता बंदी निरुद्ध हैं। इनमें दर्जनों बंदी ऐसे हैं जो यहां रहकर प्रशिक्षित कारीगर बनना चाहते हैं। वह जेल के फर्नीचर उद्योग, फिनायल एवं साबुन उद्योग, इलेक्ट्रीसिटी और प्लंबर आदि का काम सीखकर हुनरमंद बनना चाहते हैं। इससे कि सजा पूरी करके बाहर निकलने पर वह समाज में पुर्नस्थापित हो सकें। एक बेहतर कारीगर के रूप में अपनी पहचान बना सकें। जेल प्रशासन इन बंदियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास याेजना के तहत प्रशिक्षण दिला रहा है।
वर्तमान में फर्नीचर, प्लंबर, इलेक्ट्रीसिटी में 25 से 30 बंदी इसका प्रशिक्षण रहे हैं। सेंट्रल जेल में तैयार किये जाना फर्नीचर पहले से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अदालतों की शान बढ़ा रहा है। प्रशिक्षित बंदियों द्वारा तैयार किया जाने वाला यह फर्नीचर अपनी मजबूती और फिनिशिंग के लिए जाना जाता है। जेल में चलने वाले यह उद्योग बंदियों की आय स्रोत भी बन रहे हैं। प्रशिक्षित कारीगर बनने से उनके पारिश्रामिक में भी इजाफा हो रहा है।
बंदियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे कि वह प्रशिक्षित कारीगर बन सकें। यह प्रशिक्षण बंदियों के सजा काटकर बाहर निकलने के बाद उनके पुर्नवास में भी मदद करेगा।
वीके सिंह वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार