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आगरा जिला जेल में बंदी ने लगाई फांसी, जंगल में पति के सामने पत्‍नी से किया था सामूहिक दुष्‍कर्म

दोमंजिला बैरक की छत के दरवाजे में लगे कुंडे से गले में कसा साफी का फंदा। इससे जेल प्रशासन में अफरातफरी मच गई। बंदी के खुदकुशी करने के कारण का पता नहीं चल सका है। झरना नाला के जंगल में पति के सामने महिला से सामूहिक दुष्कर्म का था आरोपित।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 08:07 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 08:07 AM (IST)
आगरा जिला जेल में बंदी ने लगाई फांसी, जंगल में पति के सामने पत्‍नी से किया था सामूहिक दुष्‍कर्म
सामूहिक दुष्‍कर्म के मामले में जेल में बंद बंदी ने खुदकशी कर ली है। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। जिला जेल में निरुद्ध झरना नाला जंगल सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित ने सोमवार की रात को खुदकुशी ली। दोमंजिला बैरक की छत पर जाने वाले बंद दरवाजे के कुंडे में साफी से फंदा लगा उसे गले पर कसने के लटक गया। बैरक का दरवाजा चेक करने पहुंचे बंदी रक्षकों ने उसे फंदे पर लटका देख अधिकारियों को सूचना दी। इससे जेल प्रशासन में अफरातफरी मच गई। बंदी के खुदकुशी करने के कारण का पता नहीं चल सका है।

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एत्मादपुर के झरना नाला में इस साल 29 मार्च को होली के दिन विवाहिता अपने पति के साथ बाइक से मायके एत्माद्दौला आ रही थी। एत्मादपुर हाईवे पर झरना नाला जंगल के पास बाइक सवार तीन युवकों ने दंपती को रोक लिया था। उन्हें धमकी देकर जबरन जंगल के अंदर ले गए थे। वहां पति को बंधक बना उसके सामने पत्नी से तीनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामले में पीड़िता ने एत्माद्दौला शाहदरा निवासी गौरी शंकर उर्फ गौरी राजपूत और मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनसे पूछताछ में तीसरे आरोपित योगेश निवासी पालीवाल गली एत्माद्दौला का नाम सामने आया था।

पुलिस ने योगेश को गिरफ्तार करके उसे दंपती से लूटी रकम और पिटाई में प्रयुक्त डंडा बरामद किया था। आरोपित याेगेश को पुलिस ने चार अप्रैल को जेल भेजा था। उसे जिला जेल की आठ नंबर बैरक में रखा गया था। सोमवार रात को करीब आठ बजे बंदी रक्षक को दोमंजिला बैरक की छत पर जाने वाले दरवाजे को चेक करने गया था। दरवाजे पर ताला लगाकर रखा जाता है। इससे कि कोई बंदी छत पर न जा सके। बंदी रक्षक ने आरोपित योगेश का शव दरवाजे के कुंडे से फंदे पर साफी से लटका देखा। योगेश ने गले पर फंदा कसने के बाद अपने पैर सीढ़ियों पर लटका दिए थे। इससे फंदा गले पर कसने से उसकी मौत हो गई। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि बंदी के खुदकुशी करने के कारणों की जांच की जा रही है।

बैरक में भेजने से पहले बंदियों की होती है गिनती

बंदियों को बैरक में भेजने से पहले गिनती की जाती है। बैरक में बंदियों को किस समय भेजा गया था। यदि उनकी गिनती की गई थी तो योगेश उस समय वहां मौजूद था या नहीं, ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने का प्रयास पुलिस कर रही है।


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