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आगरा के युवा उद्यमी ने PM Modi को कराया AFMEC के गंगा सफाई मॉडल से अवगत Agra News

वाराणसी में ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर में एफमेक ने लगाया था स्टॉल। गंगा नदी पर वित्तीय व्यवहारिक विकास परियोजना की है तैयार।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 03:07 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 03:07 PM (IST)
आगरा के युवा उद्यमी ने PM Modi को कराया AFMEC के गंगा सफाई मॉडल से अवगत Agra News
आगरा के युवा उद्यमी ने PM Modi को कराया AFMEC के गंगा सफाई मॉडल से अवगत Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) के हाथ बड़ी उपलब्धि लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफमेक द्वारा तैयार की गई गंगा सफाई की परियाेजना को समझा और उसकी बुक लेट भी अपने साथ ले गए।  

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रविवार को वाराणसी में एफमेक की स्टॉल की विजिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। स्‍टॉल पर आगरा के युवा उद्यमी चंद्रशेखर जीपीआइ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंगा नदी पर वित्तीय व्यवहारिक विकास परियोजना के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही परियोजना की बुकलेट भी उन्‍हें भेंट की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी में ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर में एक जिला एक उत्पाद प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यहां एफमेक की ओर से आगरा के जूता उत्पाद पर स्टॉल लगाई थी। प्रधानमंत्री इस स्टॉल पर पहुंचे तो एफमेक के चंद्रशेखर ने गंगा नदी पर वित्तीय व्यवहारिक विकास परियोजना की बुकलेट भेंट की और परियोजाना से अवगत कराया। एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने इसे नीति आयोग को भेजा था। नीति आयोग ने उन्हें बुलाने के साथ पॉवर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन बनाकर उपलब्ध कराने को कहा था।

एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि नमामि गंगे में गंगा की सफाई की जा रही है। हमारे मॉडल से सरकार अपना पैसा खर्च किए बगैर नदी साफ कर सकती है।

परियोजना की प्रमुख बातें

- गंगा करीब 2550 किमी लंबी है। उसके किनारे उपलब्ध कुल भूमि चिह्न्ति की जाए।

- नदी की चौड़ाई व गहराई तय हो।

- बिना शर्त राज्य समर्थन समझौते पर हस्ताक्षर को सिंगल ¨वडो बने।

- नेशनल ग्रीन टिब्यूनल से योजना की पूर्व मंजूरी ली जाए। यह योजना टिकाऊ और ईको-फ्रेंडली है।

- कांसेप्ट प्लान बने, जिसमें 50-100 किमी की दूरी पर रिजोर्ट बनें व रिवरफ्रंट डवलपमेंट हो, जिससे पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

- मॉडल गांव और प्रधानमंत्री आवास योजना व वाणिज्यिक, पर्यटन और आवास से 10-20 फीसद भूमि का विकास हो सकेगा।

- टेंडर कर एक डेवलपर के लिए 100 किमी की दूरी तय की जा सकती है। डेवलपर के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करना अनिवार्य हो।


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