पर्यटकों की जेब पर पड़ेगी मार, ताज सहित स्मारकों का टिकट दर बढ़ाने की तैयारी Agra News
एडीए ने प्रवेश शुल्क के बराबर मांगा पथकर। 15 दिसंबर 2014 को एडीए बोर्ड की बैठक में पास हुआ था प्रस्ताव।
आगरा, जागरण संवाददाता। एडीए की माली हालत को सुधारने की हर कोशिश की जा रही है। कमाई की खातिर ताजमहल सहित अन्य स्मारकों का टिकट बढ़ाने की तैयारी चल रही है। अगर टिकट बढ़ता है तो इससे एडीए को 80 करोड़ रुपये सालाना प्रवेश शुल्क से आय होगी। वर्तमान में यह 56 करोड़ रुपये है।
एडीए बोर्ड की 15 दिसंबर 2014 को हुई बैठक में अहम निर्णय लिया गया था। एडीए अफसरों ने ताजमहल, आगरा किला, सिकंदरा, एत्माद्दौला और फतेहपुरसीकरी में एएसआइ के प्रवेश शुल्क के बराबर ही पथकर लेने का प्रस्ताव पास किया था। इसे लेकर तमाम तर्क भी दिए गए थे। इसके बावजूद इस प्रस्ताव पर गौर नहीं किया गया। देखते ही देखते यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। शुक्रवार को लखनऊ में प्रमुख सचिव, आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई। एडीए अफसरों ने ताज सहित अन्य स्मारकों में देसी पर्यटकों के टिकट के प्रवेश शुल्क को बढ़ाने पर जोर दिया। ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुरसीकरी में टिकट की दर 50 रुपये प्रति देसी पर्यटक की है जिसमें एडीए को दस और एएसआइ को चालीस रुपये मिलते हैं।
एडीए के प्रस्ताव से अब यह राशि बढ़कर चालीस रुपये हो जाएगी। यानी संबंधित स्मारकों की टिकट 80 रुपये का हो जाएगा। वहीं ताज में विदेशी पर्यटकों का टिकट 1100 रुपये है जिसमें एडीए को पांच सौ और एएसआइ को छह सौ रुपये मिलते हैं। इससे यह टिकट बढ़कर 1200 रुपये हो जाएगा। प्रमुख सचिव, आवास दीपक कुमार ने विभिन्न बिंदुओं की जांच के आदेश दिए। एडीए सचिव राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि एडीए को एएसआइ के बराबर स्मारकों के प्रवेश शुल्क मिलना चाहिए। सबसे अधिक फोकस देसी पर्यटकों के टिकट पर किया गया है। कुछ बिंदुओं का निराकरण बाकी है। सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा।