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Corona in Rural Area: आगरा के गांवों में कोरोना की रोकथाम को युद्ध स्तर पर तैयारी

आगरा जनपद में ग्रामीण इलाकों का वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी औचक निरीक्षण कर परख रहे व्यवस्थाएं। ब्लाक स्तर पर नोडल अफसर नियुक्त कर तय की जिम्मेदारी। मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन ने जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 11:22 AM (IST)
Corona in Rural Area: आगरा के गांवों में कोरोना की रोकथाम को युद्ध स्तर पर तैयारी
आगरा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस की रोकथाम को टीमें लगा दी गई हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना तेजी से फैल रहा है। अधिकांश घरों में कोरोना संक्रमित मरीज हैं। तमाम लोगों की मौत हो चुकी है। पहली लहर में जिन गांवों में सुकून था, वहां अब दहशत बढ़ती जा रही है। ऐसे में कोरोना की रोकथाम के लिए प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। संक्रमितों को घर पर ही दवाई पहुंचाने की व्यवस्था के साथ-साथ गांवों में सैनिटाइजेान का काम जोरों से चल रहा है।

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ये सिर्फ कागजों पर नहीं होगा। क्योंकि जिम्मेदार अफसरों को फोटोग्राफ सहित हर रोज इसकी रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारी को देनी होगी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम और संक्रमितों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की निगरानी के लिए ब्लाक स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन ने जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। जोकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों और कोरोना संक्रमितों को सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा करेंगे। आवंटित विकास खंड में सबसे अधिक कोरोना प्रभावित वाले तीन ग्रामों का प्रतिदिन निरीक्षण भी करना होगा। ब्लाक स्तर नोडल अधिकारी हर रोज अपनी रिपोर्ट मय फोटोग्राफ के जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक को देंगे।

इन बिंदुओं पर देनी होगी हर रोज रिपोर्ट

- ग्राम पंचायत, मजरों में सैनिटाइजेशन हुआ अथवा नहीं, हुआ है तो कितनी बार तथा स्वच्छता की क्या स्थिति है।

- कोरोना के कुल कितने संक्रमित केस हैं। होम आइसोलेशन में अथवा स्कूल में हैं, उनको दवा का वितरण हुआ है अथवा नहीं, रहने-खाने आदि व्यवस्था की भी समीक्षा करें।

- निगरानी समितियां कार्य कर रही हैं अथवा नहीं, कोरोना के संदिग्ध लक्षण वाले व्यक्तियों को, निगरानी समितियों द्वारा दवा का वितरण किया गया अथवा नहीं। यदि किया गया है तो कितने लोगों को तथा नहीं किया गया तो क्या कारण है।

- गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है अथवा नहीं, यदि नहीं पहुंची है तो संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी को ग्राम में कैंप लगाने तथा कोरोना टेस्टिंग के लिए निर्देशित किया जाए। इस विषय में खंड विकास अधिकारी से समन्वय करके कार्रवाई की जा सकती है।

- यदि काेरोना का टेस्ट हुआ है तो कितने व्यक्तियों का टेस्ट हुआ है तथा कितने व्यक्ति संक्रमित पाए गए।

- ग्राम पंचायतों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

प्राथमिक विद्यालय में बनेंगे आइसोलेशन सेंटर

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए भी प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रत्येक गांवों के प्राथमिक विद्यालय को अाइसोलेशन सेंटर के रूप में तैयार किए जा रहे हैं। इनकी सूची तैयार कर ली गई है। जरूरत पड़ने पर इन विद्यालयों को प्रयोग किया जाएगा। 


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