Deepawali: तेज चलने लगी कुम्हार की चाक, दीपावली आ रही अब नजदीक
चीन के विवाद के बाद दीयों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद। इस साल ज्यादा संख्या में दीपक तैयार करने की है तैयारी। कोरोना वायरस संक्रमण काल में चाइना से नहीं आ रहा इस बार झालरों का स्टॉक। परंपरागत अंदाज में मनाया जाएगा दीपोत्सव।
आगरा, जागरण संवाददाता। दीवाली के लिए अभी से दीये तैयार किए जाने लगे हैं। चीन के साथ हुए विवाद के बाद दीयों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद में अभी से स्टॉक तैयार किया जा रहा है। अब पारंपरिक चाक के साथ ही इलेक्ट्रोनिक चाक की मदद से दीये तैयार किए जा रहे हैं।अगले महीने दीवाली का त्योहार है। इस बार बाजार में चीन की झालर कम नजर आने की उम्मीद है। ऐसे में दीयों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। जो लोग चीन की झालरों से अपने घर रोशन करते थे, इस बार दीयों से घर रोशन करने की तैयारी में हैं। इसके लिए मिट्टी के बर्तन करने वाले कारीगरों ने अभी से दीये बनाने का काम शुरू कर दिया है। धनौली, अजीजपुर, अावास विकास, नरीपुरा, सुल्तागंज की पुलिया आदि जगहों पर दीये बनाने का काम होता है। कारीगरों का मानना है कि इस बार कम से कम से 20 से 30 फीसद दीयों की बिक्री बढ़ सकती है। इसलिए जो कारीगर 5 या 10 हजार दीये तैयार करते थे, इस बार उन्होंने लगभग 30 हजार दीये तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
ये है कीमत
कारीगरों के यहां आर्डर पर जो दीये बनाए जा रहे हैं, वर्तमान में एक बड़े दीये की कीमत 2.50 रुपये से 5 रुपये तक है। ये दर, उनकी डिजायन पर निर्भर है। इसके साथ ही सादा छोटे दीये 30 रुपये के 100 बनाए जा रहे हैं। ये थोक के रेट हैं।
पिछले साल की तुलना में भी इस बार मैं लगभग 15 हजार दीये अधिक बना रहा हूं। बहुत से दीयों का आर्डर तो मुझे अभी से मिल गया है। इस बार रेट भी पिछले साल की तुलना में अधिक हो सकती है।
रामजी लाल, कारीगर, धनौली
इस बार लगभग पांच हजार बड़े दीये और 25 हजार छोटे दीये बनाने का लक्ष्य रखा है। जिस हिसाब से आर्डर मिल रहे हैं, उसको देखते हुए बाजार ठीक दिख रहा है।
शिवचरण प्रजापति, अजीजपुर