खराब स्थिति में पहुंची आगरा की वायु गुणवत्ता, जानिए AQI का स्तर Agra News
सीपीसीबी के अनुसार सोमवार को 212 रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स। 22 गुना से अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड पांच गुना अति सूक्ष्म कण।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में सोमवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब स्थिति में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 212 दर्ज किया गया। यहां अति सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ी हुई दर्ज की गई।
सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन शाम को देशभर के ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। संजय प्लेस स्थित ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशन पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर एक्यूआइ 212 दर्ज किया गया, जो रविवार के एक्यूआइ 183 से अधिक था। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार एक्यूआइ 0-50 तक रहने पर वायु गुणवत्ता अच्छी, 51-100 तक रहने पर संतोषजनक, 101-200 तक रहने पर मध्यम और 201-300 तक रहने पर खराब होती है।
सोमवार को अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा 316 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई, जो मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के पांच गुना से अधिक थी। अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा 90 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई, जो मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के 22 गुना से अधिक थी। इस स्थिति के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
यह रही प्रदूषक तत्वों की स्थिति
प्रदूषक तत्व, न्यूनतम, अधिकतम, औसत
कार्बन मोनोऑक्साइड, 2, 90, 58
नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड, 39, 89, 75
सल्फर डाइ-ऑक्साइड, 20, 54, 27
ओजोन, 5, 14, 6
अति सूक्ष्म कण, 111, 316, 210
बादल छंटेंगे तो सुधरेगा हाल
इस समय शहर पर बादल और कोहरा छाए हुए हैं। माना यह जा रहा है कि बादल और कोहरा छंटने के बाद शहर की आबोहवा में सुधार होगा। दरअसल लोग ठंड से बचाव के लिए जगह-जगह अलाव और कचरे में आग लगा रहे हैं। ये धुआं कोहरा छाए रहने के चलते निचली सतह पर ही छाया हुआ है। हवा चलने या बारिश आने की स्थिति में भी प्रदूषण का स्तर सुधर सकता है।
स्थाई उपाय की जरूरत
प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए आगरा में स्थाई उपाय की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट आगरा में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को लेकर गंभीर है। समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। उसके बावजूद प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम गंभीर नजर नहीं आता। फौरी तौर पर कुछ समय के लिए हो-हल्ला होता है, उसके बाद सारे अभियान ठंडे पड़ जाते हैं। धूल और धुआं, आगरा के लोगों को बीमार कर रहा है।