प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सख्त रुख, कांच इकाइयों को एनओसी देने पर लगा दी रोक, ये है कारण Agra News
मंडलायुक्त के निर्देश पर सभी इकाइयों को जारी किए गए थे नोटिस। उद्यमियों की बेरुखी पर पीसीबी ने अपनाया सख्त रुख।
आगरा, जेएनएन। औद्योगिक आस्थान में कांच व चूड़ी इकाइयों के बाहर (ग्रीन बेल्ट) पौधारोपण न कराना उद्यमियों को भारी पड़ेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसी इकाइयों को आगामी वर्ष के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने पर रोक लगा दी है।
टीटीजेड अथॉरिटी द्वारा पर्यावरण संतुलन एवं प्रदूषण की रोकथाम के लिए औद्योगिक आस्थान के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में संचालित इकाइयों के बाहर, आसपास क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। गत माह आयोजित टीटीजेड की बैठक में मंडलायुक्त अनिल कुमार ने औद्योगिक आस्थान में ग्रीन बेल्ट स्थापित न होने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 203 इकाइयों को नोटिस जारी किए गए।
इसमें सभी उद्यमियों को चेतावनी दी गई थी कि ग्रीन बेल्ट स्थापित न करने पर अगले वित्तीय वर्ष के लिए वायु एवं जल संबंधी एनओसी जारी नहीं की जाएगी। इसके बावजूद उद्यमियों ने ग्रीन बेल्ट स्थापित करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। ऐसे में पीसीबी ने सख्ती बरते हुए आधा दर्जन इकाइयों को एनओसी देने पर रोक लगा दी है।
उत्पादन क्षमता के अनुसार केटेगिरी निर्धारित
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन क्षमता के अनुसार श्रेणी निर्धारित की गई है। वृहद इकाइयों को 200 मीटर, नारंगी श्रेणी के उद्योगों को 100 मीटर एवं हरी श्रेणी की इकाइयों को 10 मीटर एरिया में ग्रीन बेल्ट बनानी होगी।
सभी इकाइयों को देना होगा प्रमाण पत्र
सभी इकाइयों को यह प्रमाण देना होगा कि उनके द्वारा ग्रीन बेल्ट बनाई गई है। उनके पास पर्याप्त स्थान नहीं है तो पौधों का पैसा वन विभाग में जमा कराने का प्रमाण पत्र दें, तभी एनओसी जारी की जाएगी।
-मनोज कुमार चौरसिया, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड