Poisonous Liquor: वर्दी पर भी लगे हैं जहरीली शराब कांड के दाग, जानिए कहां का क्या है पूरा मामला
Poisonous Liquor एसओजी के दामन पर खैरगढ़ जहरीली शराब कांड के दाग। शराब पीने से हुई थी तीन की मौत माफिया से एसओजी वसूलती थी हजारों की महीनेदारी। खैरगढ़ में जाती थी सुखवीर की शराब पुलिस जब्त कर चुकी है एक करोड़ की संपत्ति।
आगरा, जेएनएन। बीते साल खैरगढ़ में नकली शराब से हुई तीन मौतों के दाग वसूली में लिप्त एसओजी के दामन पर भी है। शिकोहाबाद का शराब माफिया सुखवीर की जहरीली शराब खैरगढ़ में सप्लाई होती थी। उसी सुखवीर से एसओजी की टीम कार्रवाई न करने की एवज में महीनेदारी वसूलती थी। इसके अलावा हजारों लीटर एल्कोहल खपाने वाले माफिया से भी महीना आता था। यह खेल सालों से चल रहा था। पर्दाफाश के बाद अब जांच में तीन मौतों के लिए एसओजी के सदस्य भी गुनहगार है।
17 नवंबर 2020 को खैरगढ़ थाना क्षेत्र के शेखूपुर में नकली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हुई थी। पहली जांच में साबित हुआ था कि मरने वालों ने शराब लोकल व्यापारी नाम के सप्लायर से खरीदी थी। व्यापारी के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने जब कड़ियां जोड़ी तो असली माफिया तक पहुंच गई। शिकोहाबाद थाना क्षेत्र का रहने वाला सुखवीर नकली शराब बनाकर सप्लाई करता था और व्यापारी उसी का एजेंट था। दो दिसंबर को कार्यभार ग्रहण करने वाले एसएसपी अजय पांडे ने जब शिकंजा कसा तो सुखवीर पकड़ा गया। सुखवीर से एसएसपी ने खुद पूछताछ की, जिसमें गुनहगारों को सजा दिलाने वाली एसओजी टीम के राज खुलना शुरू हुए। सुखवीर ने एसओजी के सिपाही रविंद्र का नाम बताया था। उसने कुबूला था कि रविन्द्र आकर उससे हर महीने टीम के पैसे लेकर जाता था। उसने यह भी कुबूला था कि एसओजी को दी जाने वाली महीनेदारी की एवज में उसके लोगों को अभयदान मिलता था। वह शेखूपुर के व्यापारी को शराब भेजता था। खैरगढ़ कांड के गुनहगार सुखवीर पर गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और उसकी एक करोड़ की संपत्ति( जिसमें तीन प्लाट और तीन गाड़ियां शामिल हैं) जब्त की गई थी। इसके बाद पुलिस के हत्थे दक्षिण पुलिस का वांटेड विजय उर्फ बीला पकड़ा गया। पिछले लाकडाउन ने शहर में दक्षिण थाना पुलिस ने दस हजार लीटर न्यूट्रल एल्कोहल पकड़ा था। यह एल्कोहल विजय उर्फ बीला ने मंगाया था और वह इस एल्कोहल में मिलावट कर शराब बनाता था। विजय उर्फ बीला ने एसओजी के तत्कालीन प्रभारी एसआइ कुलदीप सिंह और उसके साथियों द्वारा 70 हजार रुपये महीने लेने की बात कुबूली थी। विजय उर्फ बीला के अंग्रेजी शराब के ठेके भी हैं, लेकिन इससे पहले एसओजी और आबकारी विभाग की टीम ने उस पर कभी कार्रवाई नहीं की।
वाट्सएप से होती थी वसूली की कालिंग
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एसओजी प्रभारी और उसकी टीम के चार सदस्य वसूली के लिए शराब माफिया से वाट्सएप कालिंग के जरिए बात करते थे। ताकि काल डिटेल में कोई सुबूत न रह जाएं। यह बात भी माफिया ने एसएसपी के सामने कुबूल की।
जांच में खंगाली जाएंगी अवैध कमाई से बनाई संपत्तियां
पुलिस सूत्रों का कहना है कि शराब और नशे के सौदागरों से मोटी महीनेदारी वसूलने वाले एसओजी प्रभारी और टीम के सदस्यों ने संपत्ति बनाई है। एसएसपी अजय पांडे ने बताया कि हर महीने मोटी वसूली के सुबूत हाथ लगे हैं। सीओजी प्रभारी और सदस्यों की अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों का ब्यौरा भी खंगाला जा रहा है।
आखिर कहां हैं पूर्व एसओजी प्रभारी
शराब और चरस माफिया व लुटेरों से वसूली के मामले में आरोपित एसओजी के पूर्व प्रभारी एसआइ कुलदीप सिंह आखिर कहां है? एसएसपी फीरोजाबाद के मुताबिक कुलदीप सिंह की 21 मई को फीरोजाबाद से आगरा के लिए रवानगी कर दी गई। वहीं एसएसपी आगरा के मुताबिक अभी कुलदीप ने ज्वाइन नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी ने जांच में शामिल होने के लिए कुलदीप के लिए नोटिस आगरा भेजा है।
‘खैरगढ़ में नकली और मिलावटी शराब पीने से हुई तीन की मौत के लिए शराब माफिया सुखवीर जिम्मेवार है। यह भी सुबूत है कि सुखवीर से एसओजी महीनेदारी वसूलती थी। सीओ टूंंडला ने जांच शुरू कर दी हैं। सभी पहलुओं पर जांच होगी और गुनहगारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
अजय पांडेय, एसएसपी