Kisan Andolan: आगरा में खंदौली टोल से पहले रोके भाकियू नेता, धरने पर बैठे संगठन के पदाधिकारी
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत यमुना एक्सप्रेसवे स्थित खंदौली टोल फ्री कराने जा रहे भाकियू नेताओं को पुलिस ने एक्सप्रेसवे के नीचे रोक दिया है। भाकियू नेता कई गाड़ियों से पहुंचे थे। पुलिस ने बैरियर लगाकर सभी गाड़ियों को रोक दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। नये कृषि कानूनों के विरोध में टोल फ्री कराने खंदौली टोल पर जा रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेताओं को टोल से पहले यमुना एक्सप्रेसवे के नीचे ही रोक दिए। इससे गुस्साए किसान वहीं मौके पर ही धरने पर बैठ गए हैं। किसानों को रोकने के लिए काफी पुलिस फोर्स मौजूद है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत यमुना एक्सप्रेसवे स्थित खंदौली टोल फ्री कराने जा रहे भाकियू नेताओं को पुलिस ने एक्सप्रेसवे के नीचे रोक दिया है। भाकियू नेता कई गाड़ियों से पहुंचे थे। पुलिस ने बैरियर लगाकर सभी गाड़ियों को रोक दिया। इससे गुस्साए किसान और संगठन के पदाधिकारी वहीं धरने पर बैठ गए हैं। वह भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, उनका आंदोलन जारी रहेगा। वह पीछे नहीं हटेंगे। इधर, किसान नेता चौधरी रामवीर सिंह, सौरभ चौधरी, सत्यवीर चौधरी और धर्मवीर चौधरी के नेतृत्व में तमाम किसान शनिवार को दयालबाग से खंदौली टोल के निकले। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी हुई, उन्होंने किसानों का रास्ता रोक दिया। काफी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई और किसानों के आगे बढ़ने पर रोक लगा दी। इससे गुस्साए किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए वहीं पर नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने एलान किया है कि यदि सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो 14 दिसंबर को वह जिला मुख्यालय का घेराव करते हुए धरना-प्रदर्शन करेंगे।
टोल फ्री कराने जा रहे किसान पुलिस ने रोके
नये कृषि कानूनों के विरोध में टोल फ्री कराने खंदौली टोल पर जा रहे किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। उन्हें नजरबंद कर दिया है। इससे किसान और पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोक हो गई। गुस्साए किसानों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
किसान नेता चौधरी रामवीर सिंह, सौरभ चौधरी, सत्यवीर चौधरी और धर्मवीर चौधरी के नेतृत्व में तमाम किसान शनिवार को दयालबाग से खंदौली टोल के निकले। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी हुई, उन्होंने किसानों का रास्ता रोक दिया। काफी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई और किसानों के आगे बढ़ने पर रोक लगा दी। इससे गुस्साए किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए वहीं पर नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने एलान किया है कि यदि सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो 14 दिसंबर को वह जिला मुख्यालय का घेराव करते हुए धरना-प्रदर्शन करेंगे। चौधरी रामवीर सिंह का कहना है कि भाजपा सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। वह किसानों की समस्या को समझना तो दूर, सुनने तक तैयार नहीं है। ये सरकार देश के चुनिंदा बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने में लगी है। किसानों की इस सरकार को कोई फिक्र नहीं है। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार किसानों की आवाज को दबाने में लगी है। यह लोकतंत्र की हत्या है। कृषि प्रधान देश में परेशान किसान अपनी पीड़ा भी व्यक्त नहीं कर सकता।