दारोगा ने कर दी इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों की जांच, पुलिस का कारनामा
मकान के विवाद में इंस्पेक्टर पर था साठगांठ का आरोप, आइजीआरएस पर शिकायत के बाद जांच में दारोगा ने दी क्लीनचिट
आगरा, जागरण संवाददाता। सीएम के पोर्टल पर शिकायतों का क्या हश्र होता है, इसका शायद ही इससे अच्छा कोई उदाहरण मिलेगा। एक मकान के विवाद में इंस्पेक्टर पर मिलीभगत का आरोप लगा था। इसकी जांच उसी थाने के दारोगा ने की और इंस्पेक्टर को क्लीनचिट भी दे दी।
छत्ता के फिलिपगंज निवासी अधर शर्मा ने आठ जनवरी को इंटीग्रेटिड ग्रेवांस रिड्रेसल सिस्टम (आइजीआरएस) पर शिकायत की थी। इसमें आरोप था कि थानेदार छत्ता व भू माफिया के संरक्षण में वकील के मकान पर जबरन कब्जा कराने और वकील के परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर छत्ता सुभाष बाबू कठेरिया के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों की रिपोर्ट एसएसपी कार्यालय से संबंधित थाने से ही मांगी गई। इंस्पेक्टर छत्ता ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच थाने में ही तैनात दारोगा प्रदीप कुमार को दे दी। उन्होंने 13 जनवरी को अपनी रिपोर्ट दी। इसमें मकान के विवाद और उसमें की गई कार्रवाई की जानकारी दी गई। साथ ही यह भी लिखा गया कि प्रार्थना पत्र पर अंकित किए गए अन्य आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी। अन्य किसी पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। इस तरह दारोगा ने इंस्पेक्टर पर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए उन्हें क्लीनचिट दे दी। इसके बाद इंस्पेक्टर छत्ता ने अपने हस्ताक्षर कर इसे आगे बढ़ा दिया। शिकायतकर्ता ने दारोगा द्वारा इंस्पेक्टर की जांच किए जाने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सीएम पोर्टल पर शिकायत की जांच के नाम पर मजाक किया जा रहा है। वे दोबारा इसकी शिकायत करेंगे। एक रेंक ऊपर के अधिकारी कर सकते हैं जांच
नियम के मुताबिक किसी भी अधिकारी पर लगे आरोपों की जांच उनसे एक रेंक ऊपर के अधिकारी द्वारा ही की जा सकती है। इसलिए इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों की जांच क्षेत्राधिकारी को दी जानी चाहिए थी। मगर, एसएसपी कार्यालय से यह सीधे थाने को भेज दी गई।