Move to Jagran APP

अपहरण, फिरौती, बरामदगी लेकिन कोई मुकदमा नहीं, आखिर ये Good Work क्यों छिपा गई पुलिस Agra News

मथुरा में लग्जरी गाड़ी से किया था डॉक्टर का अपहरण वसूली गई फिरौती पुलिस ने छोड़े बदमाश। जनवरी में हुई घटना में शामिल थे मेरठ का एक और मथुरा के तीन बदमाश।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 07:45 PM (IST)
अपहरण, फिरौती, बरामदगी लेकिन कोई मुकदमा नहीं, आखिर  ये Good Work क्यों छिपा गई पुलिस Agra News
अपहरण, फिरौती, बरामदगी लेकिन कोई मुकदमा नहीं, आखिर ये Good Work क्यों छिपा गई पुलिस Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। अगर कोई आपसे कहे कि एक डाक्टर का अपहरण होता है, बदमाश चंद घंटों में 55 लाख की फिरौती भी वसूल लेते हैं, छूटने के बाद पीड़ित मुकदमा भी न लिखाए, इसके बाद पुलिस बदमाशों को पकड़कर फिरौती की रकम बरामद करके एक बड़ा हिस्सा हजम कर जाए और खतरनाक अपहरणकर्ताओं को भी छोड़ दे तो क्या आप विश्वास करेंगे। जी हां, कुछ इस तरह के ही पुलिस को शर्मसार करने वाले एक मामले ने आगरा जोन के उच्चाधिकारियों को परेशान कर दिया है। एक आला अफसर ने मथुरा पुलिस के मुखिया को चार दिन पहले पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है।

loksabha election banner

मामला जनवरी का बताया जा रहा है। मथुरा के हड्डी रोग विशेषज्ञ अपने क्लीनिक से कार लेकर घर जा रहे थे। रास्ते में लग्जरी कार में सवार चार बदमाशों ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार रोक लिया। तीन बदमाश उनकी गाड़ी में बैठ गए और डाक्टर को असलहों के बल पर बंधक बना लिया। चिकित्सक के मोबाइल से ही उनकी प}ी को कॉल कर बताया कि डॉक्टर उनके कब्जे में हैं। 55 लाख रुपये दे दो नहीं तो उन्हें गोली मार देंगे। चंद घंटों में ही बदमाश अपनी योजना में सफल हुए और मथुरा हाईवे पर फिरौती वसूल ली।

अधिकारियों को मिली जानकारी के मुताबिक फिरौती की रकम कुछ कम मिली थी। डॉक्टर के सकुशल मुक्त होने के बाद मामला पुलिस तक तो पहुंचा मगर, पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराने से मना कर दिया। पहले से ही बिजली विभाग के जेई की हत्या को लेकर फजीहत ङोल रही पुलिस को डॉक्टर की यह दरियादिली रास आई। शायद, इसीलिए पुलिस ने डॉक्टर की बात पहली बार में ही मान ली और उन्हें बदमाशों को जरूर पकड़ने का आश्वासन दे दिया। मुकदमा दर्ज न होने से पुलिस ने उस समय तो राहत की सांस ली, मगर जब पुलिस को बदमाशों द्वारा इस्तेमाल की गई लग्जरी गाड़ी का नंबर डॉक्टर से मिला तो पुलिसिया दिमाग चलना शुरू हुआ। पुलिस हरकत में आई और घटना में शामिल मेरठ के बदमाश को दबोच लिया। उसे मथुरा लाकर तीन दिन तक थाने में रखकर पूछताछ हुई। पूछताछ में बदमाश ने तीन अन्य साथी मथुरा के ही बताए। पुलिस ने उन्हें भी उठा लिया और अपहरण कर वसूली गई राशि भी बरामद कर ली। मामला दर्ज हुआ नहीं था इसलिए बरामदगी दिखाने या अभियुक्तों को जेल भेजने की कोई जरूरत नहीं समझी और बिना डकार लिए पूरा मामला हजम कर गये। चर्चा है कि पुलिस ने फिरौती के 55 लाख रुपये बरामद कर 15 लाख डॉक्टर को वापस कर दिए बाकी का हिस्सा बांट हो गया। चर्चा यह भी है कि पुलिस ने छोड़ने के लिए बदमाशों से भी मोटी रकम और ली थी।

जनवरी के अंत में पुलिस की इस करतूत की चर्चा आगरा में बैठे उच्चाधिकारियों के पास तक भी पहुंच गई। अब एक बड़े अफसर ने जिले के मुखिया को पत्र लिखकर पुलिस को शमिर्ंदा करने वाले इस कृत्य की जानकारी मांगी है। चार दिन बीत गये मगर अभी कोई जवाब नहीं आया है।

पुलिस चाहती तो कर सकती थी कार्रवाई

वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रत मेहरा का कहना है कि पुलिस ने अगर फिरौती की रकम वसूल ली थी तो बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती थी। भले ही पीड़ित मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहता हो। उस रकम को लिखा-पढ़ी में बदमाशों से बरामद दिखाकर उसके संबंध में पूछताछ की जाती। डॉक्टर को रकम लिखा पढ़ी में दी जाती तो बदमाशों के खिलाफ इसी आधार पर कार्रवाई हो सकती थी।

दो‍षी पुलिसकर्मियों के ख्‍ािलाफ होगी कार्रवाई

मामला संज्ञान में आया है जो बेहद गंभीर है। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। बदमाश पकड़ने के बाद यदि डॉक्टर मुकदमा दर्ज नहीं कर रहा था तो भी पुलिस को बदमाशों को नहीं छोडऩा चाहिए था। इसमें दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अजय आनंद, एडीजी जोन

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.