Move to Jagran APP

आगरा में बुजुर्ग व्यापारी हत्याकांड में वांछितों को पकड़ने में पुलिस नाकाम

हरीपर्वत के फ्रीगंज में तिरंगा अपार्टमेंट हुई थी व्यापारी की हत्या और लूट। लुटेरी दुल्हन समेत दो को भेज चुकी है जेल चार आरोपित हैं वांछित। सदर तहसील में उप निबंधक कार्यालय से चोरी गए करीब 4.5 लाख रुपये के मामले में भी अब नहीं लगा कोई सुराग।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 09:19 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 09:19 AM (IST)
आगरा में बुजुर्ग व्यापारी हत्याकांड में वांछितों को पकड़ने में पुलिस नाकाम
आगरा में व्‍यापारी किशन गोपाल अग्रवाल की हत्‍या कर दी गई थी। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। हरीपर्वत के फ्रीगंज स्थित तिरंगा अपार्टमेंट में व्यापारी की हत्या और लूटपाट में वांछित चार आरोपितों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए लुटेरी कातिल दुल्हन और उसके साथी को जेल भेज दिया था।

loksabha election banner

तिरंगा अपार्टमेंट में रहने वाले व्यापारी किशन गोपाल अग्रवाल (67 वर्ष) की 12 अप्रैल की आधी रात को गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। बिना नंबर की कार से आई महिला और उसके तीन साथियों ने खुद को किशन गोपाल का रिश्तेदार बताया था। चारों ने उनके फ्लैट पर पार्टी करने के बाद योजना के तहत गला घोटकर हत्या कर दी। तिजोरी में रखे लाखों रुपये के नकदी-जेवरात लूटकर ले गए थे। हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने लुटेरी दुल्हन नीलम यादव निवासी एका फीरोजाबाद और यज्ञपाल सिंह निवासी कोतवाली देहात एटा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

पुलिस की पूछताछ में मामला व्यापारी को शादी का लालच देकर हत्या और लूटपाट का निकला था। नीलम यादव से शादी कराने का लालच देकर आरोपितों ने व्यापारी की हत्या और लूट की साजिश रची थी। मामले में विजय निवासी एका फीरोजाबाद और सचिन, अवधेश व बंटी निवासी कोतवाली देहात एटा अभी तक वांछित हैं। पुलिस दो दर्जन से ज्यादा स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपितों को पकड़ने में नाकाम रही है।एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

उप निबंधक कार्यालय में चोरी का पर्दाफाश नहीं

सदर तहसील में उप निबंधक कार्यालय में 11 अप्रैल की रात को हुई चोरी का पुलिस तीन सप्ताह बाद भी पर्दाफाश नहीं कर सकी है। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देने वाले चोर की वह अभी तक पहचान नहीं कर सकी है। पुलिस मामले में तहसील कर्मचारियों समेत तीन दर्जन लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इंस्पेक्टर शाहगंज सत्येंद्र सिंह राघव का कहना है कि चोरी में किसी जानकार का हाथ होने की आशंका है। इसका कारण अलमारी का ताला कार्यालय की चाबी से खोला जाना है। चोर अलमारी में रखे चार लाख 67 हजार रुपये लेकर भाग गया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.