Murder Case in Hostel: खुदकशी से हत्या तक, पुलिस करती रही भूल Agra News
खुदकशी के बोल से लेकर पुलिस रजिस्टर में हत्या दर्ज होने के बाद भी तमाम ऐसे पड़ाव आए जब पुलिस अपने की बुने जाल में फंसती चली गई।
आगरा, जेएनएन। मैनपुरी में रविवार को जब एसपी अजय शंकर राय कुरावली में दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का दावा मीडिया के सामने कर रहे थे, लखनऊ में तब उनके तबादले की भूमिका तैयार हो चुकी थी। छात्र प्रकरण में शाम होते-होते जिले से स्थानांतरण का आदेश आया तो शायद पुलिस विभाग को भी कोई आश्चर्य नहीं हुआ होगा। खुदकशी के बोल से लेकर पुलिस रजिस्टर में हत्या दर्ज होने के बाद भी तमाम ऐसे पड़ाव आए जब पुलिस अपने की बुने जाल में फंसती चली गई।
पुलिस से हुई ये गलतियां
- छात्र का शव मिलने के बाद विद्यालय प्रशासन और पुलिस ने स्वजनों को सूचना नहीं दी। एक रिश्तेदार द्वारा अस्पताल में शव देखे जाने पर स्वजनों को जानकारी हुई।
- शव पर चोटों के निशान थे। पंचनामा में भी चोटों का उल्लेख था। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटें गायब हो गईं।
- छात्र के हाथ पर मोबाइल नंबर व नाम अंकित मिला था। इसे मिटाने का दुस्साहस किया गया था। नाम और मोबाइल नंबर किसका था? इसको लेकर भी पुलिस कोई जवाब नहीं दे सकी।
- छात्र का शव 11 फीट ऊंची छत के कुंडे पर लटके होने की बात बताई गई थी। लेकिन वहां रखे स्टूल पर खड़े होकर कुंडे तक पहुंचना संभव नहीं था। पुलिस ये हालात भी स्पष्ट नहीं कर पाई।
- पोस्टमार्टम के दौरान छात्र के प्राइवेट पार्ट पर खून के निशान मिले थे, पुलिस खून होने की वजह नहीं बता सकी।
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैं¨गग आते ही पुलिस ने इसे खुदकशी घोषित कर दिया।
- अगर घटना खुदकशी थी तो छात्र इसके लिए विवश क्यों हुई? स्वजनों ने इस सवाल को प्रमुखता से पूछा था, लेकिन पुलिस इसका तार्किक उत्तर नहीं दे सकी।
- घटना वाली रात ढाई बजे तक छात्र कमरे में टहलती रही। आखिर सोने के समय छात्र क्यों टहलती रहीं, किस बात से उसकी नींद उड़ी हुई थी, पुलिस ने इस तथ्य पर कुछ नहीं कहा।
शव का जलप्रवाह बना सबसे बड़ी गलती
छात्र के स्वजनाेें का आरोप है कि वह शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराना चाहते थे, परंतु पुलिस-प्रशासन ने अन्य लोगों को दवाब में लेकर बिना उनकी मौजूदगी के शव का जबरन जलप्रवाह करा दिया।