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सिकंदरा के जंगल में सामूहिक दुष्‍कर्म और किशोरी की हत्‍या का मामला, दोषी को आजीवन कारावास

सिकंदरा इलाके में गैलाना के जंगल में मार्च 2021 में हुई थी घटना। दुष्कर्म और हत्या के बाद जंगल में तालाब में फेंक दिया था शव। अदालत ने तीन धाराओं के तहत अलग अलग सजा सुनाई हैं। पाक्‍सो कोर्ट ने दिया गुरुवार को फैसला।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:22 PM (IST)
सिकंदरा के जंगल में सामूहिक दुष्‍कर्म और किशोरी की हत्‍या का मामला, दोषी को आजीवन कारावास
आगरा में किशोरी से दुष्‍कर्म और हत्‍या के मामले में दोषी को पाक्‍सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी।

आगरा, जागरण संवाददाता। सिकंदरा इलाके में नौ महीने पहले किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषी को पाक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित ने अपने नाबालिग साथी के मिलकर किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद गला दबा उसकी हत्या कर लाश को गैलाना के जंगल में तालाब में फेंक दिया था।

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घटना 19 मार्च 2021 की है। सिकंदरा क्षेत्र निवासी 13 साल की किशोरी घर से शाैच के लिए गई थी। कई घंटे बाद भी जब नहीं लौटी तो स्वजन ने उसकी तलाश शुरू कर दी। तीसरे पहर करीब चार बजे किशोरी का शव गैलाना के जंगल में एक तालाब में पड़ा मिला। मृतका के पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या व साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

विवेचना में साक्ष्यों के आधार पर पुुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए आरोपित राहुल गोला निवासी गैलाना सिकंदरा व उसके नाबालिग साथी को गिरफ़्तार किया था। आरोपितों ने पूछताछ में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की बात स्वीकार की थी। जिस पर पुलिस ने विवेचना में सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई थी।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट विमलेश आनंद ने वादी सहित दस गवाह अदालत में प्रस्तुत किए। जबकि नाबालिग आराेपित का मामला किशोर न्याय न्यायालय के सुपुर्द कर दिया गया था। मामले की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्साे एक्ट प्रमेंद्र कुमार ने आरोपित राहुल गोला को दोषी पाया। अदालत ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा के आदेश किए।

किस धारा में मिली कितनी सजा

अदालत ने तीन अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई है, यह तीनों सजा एक साथ चलेंगी।

- सामूहिक दुष्कर्म: आजीवन कारावास की सजा व 20 हजार रुपये से दंडित किया।

- हत्या: आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड।

- साक्ष्य नष्ट करने में: तीन साल कारावास की सजा। 

पुलिस द्वारा जुटाए साक्ष्यों की रही अहम भूमिका

पुलिस ने साक्ष्य के रूप में घटनास्थल से खून से सनी मिट्टी, आरोपितों के खून व कीचड़ से सने कपड़े, चप्पल एवं मृतका के कपड़ों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा था। जबकि आरोपितों के डीएनए से संबंधित नमूनों को गाजियाबाद फोरेंसिक लैब भेजा था। फोरेंसिक जांच में यह सारे साक्ष्य आरोपितों के हाेने की पुष्टि हुई।

पीड़ित परिवार को मिलेगी आधी रकम

अदालत ने अपने आदेश में अर्थदंड की अाधी राशि पीड़ित परिवार को दिलाने के आदेश किए। इसके साथ ही लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत यथोचित प्रतिकर प्राप्ति के लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित करने के आदेश किए।   


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