नई शुरुआत: डामर रोड के निर्माण में अब होगा प्लास्टिक का ट्रायल Agra News
आगरा पहली बार रोड निर्माण में प्रयोग करेगा 600 किग्रा प्लास्टिक
आगरा, अमित दीक्षित। प्लास्टिक के नुकसान से सभी वाकिफ हैं। इसे जलाया नहीं जा सकता है और न ही कहीं पर डंप किया जा सकता है। यह पर्यावरण के लिए खतरनाक है। इसे ठिकाने लगाने के विकल्प खोजे जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) आगरा पहली बार डामर रोड के निर्माण में प्लास्टिक का ट्रायल करने जा रहा है। रोड का निर्माण अगले माह होगा। फिलहाल इसका टेंडर जारी हो गया है।
नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार हर दिन 100 मीट्रिक टन के करीब प्लास्टिक व उससे निर्मित वस्तुओं का कचरा होता है। लोग कम से कम प्लास्टिक और पॉलीथिन का प्रयोग करें, इसके लिए प्रदेश सरकार जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दे रही है। प्लास्टिक की बोतल हो या फिर अन्य कोई भी वस्तु। सरकार का प्रयोग है कि इसे एक जगह एकत्रित किया जाए और फिर इसका निस्तारण सही तरीके से हो। इसी के चलते पीडब्ल्यूडी, निर्माण खंड-2 प्लास्टिक वेस्ट तकनीक का प्रयोग करेगा। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस्लामपुर से नगला नाथू रोड डेढ़ किमी लंबी है। इसे अक्टूबर 2011 में बनाया गया था। अब फिर से इस रोड का निर्माण होगा। इस पर 16.38 लाख रुपये खर्च होंगे। 600 किग्रा प्लास्टिक का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रोड के लेपन कार्य में बिटुमिन का सात फीसद प्लास्टिक का उपयोग होगा। टेंडर जारी कर दिया गया है। 27 सितंबर की दोपहर साढ़े 12 बजे तकनीकी बिड खुलेगी। अगर ट्रायल सफल रहता है तो इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
यूं होगा इस्तेमाल
प्लास्टिक को गर्म कर मिट्टी के ऊपर कोटिंग की जाएगी। इसके बाद बिटुमिन का प्रयोग किया जाएगा। मिट्टी पर प्लास्टिक पडऩे से यह जल्द खराब नहीं होगी। क्योंकि कई बार बेस में पानी रिस कर पहुंच जाता है। इससे यह जल्द खराब हो जाती है।
नगर निगम और एडीए भी करेंगे ट्रायल
लोक निर्माण विभाग की तरह ही नगर निगम और एडीए भी रोड निर्माण में प्लास्टिक का प्रयोग करेंगे। जल्द ही इसका टेंडर जारी होने जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग की तरह नगर निगम भी डामर रोड के निर्माण में प्लास्टिक का प्रयोग करेगा। इसकी शुरुआत जल्द होगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
अरुण प्रकाश, नगरायुक्त
प्लास्टिक को ठिकाने लगाने के लिए एडीए डामर रोड के निर्माण में इसका प्रयोग करेगा। प्लास्टिक का इस्तेमाल कितना होगा। यह रोड की साइज सहित अन्य पर निर्भर करेगा।
शुभ्रा सक्सेना, उपाध्यक्ष एडीए