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Sports in Agra: पिस्‍टल हैं खराब, कैसे निशाना साध पाएंगे आगरा के निशानेबाज

आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में है 10 मीटर व 25 मीटर शूटिंग रेंज। कोच व साथी खिलाड़ी की पिस्टल से अभ्यास करते हैं खिलाड़ी। शूटिंग रेंज के सही नहीं होने की वजह से 25 मीटर शूटिंग के खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए दिल्ली जाना पड़ता था।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 08:59 AM (IST)
Sports in Agra: पिस्‍टल हैं खराब, कैसे निशाना साध पाएंगे आगरा के निशानेबाज
आगरा स्‍टेडियम में निशानेबाज अभ्‍यास नहीं कर पा रहे क्‍योंकि पिस्‍टल ही खराब हैं। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में निशानेबाजों से पदक की बड़ी आस देशवासियों ने संजोई थी। निशानेबाज लक्ष्य से ऐसे भटके कि एक मेडल नहीं जीत सके। मनु भाकर की पिस्टल खराब हो गई। ताजनगरी के निशानेबाज भी खराब पिस्टल की समस्या से जूझ रहे हैं। खराब पिस्टल से वो निशाना साधें भी तो कैसे? साथी खिलाड़ियों और कोच की पिस्टल से किसी तरह काम चल रहा है, लेकिन यह व्यवस्था आखिर कब तक चलेगी।

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एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में 10 मीटर और 25 मीटर शूटिंग रेंज बनी हुई हैं। करीब एक दशक से यहां प्रशिक्षण पाने वाले खिलाड़ी पदकों पर निशाना साध रहे हैं। 10 मीटर शूटिंग रेंज तो ठीक है, लेकिन शूटिंग के लिए पिस्टल व राइफल का अभाव है। दोनों एयर पिस्टल खराब हैं और एयर राइफल एक ही है। एयर पिस्टल से निशानेबाजी करने वाले खिलाड़ी, कोच और साथी खिलाड़ी की पिस्टल पर निर्भर हैं। एक ही एयर राइफल होने से खिलाड़ियों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। 25 मीटर शूटिंग रेंज में टारगेट की लकड़ी खराब हो चुकी है। शूटिंग रेंज के सही नहीं होने की वजह से 25 मीटर शूटिंग के खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए दिल्ली जाना पड़ता था। यहां टर्निंग टारगेट सिस्टम लगाने को टेंडर किया जा चुका है। हालांकि, लंबे समय से टूर्नामेंट नहीं होने से खिलाड़ियों को अनुभव नहीं मिल रहा है।

खिलाड़ियों ने लौटा दिए थे पदक

एकलव्य स्टेडियम की शूटिंग रेंज में लाइट, एसी, ट्राली, पिस्टल आदि के अभाव में खिलाड़ियों ने मार्च में कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया था। उप्र राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले दर्जनभर खिलाड़ियों ने अपने पदक लौटा दिए थे। इसके बाद प्रशासन ने शूटिंग रेंज को सुधारने पर ध्यान दिया। वहीं, पदक वापस करने वाले सीनियर खिलाड़ी अब दयालबाग स्थित शूटिंग रेंज में अभ्यास करते हैं।

खरीदी जाएंगी पिस्टल

क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सुनील चंद्र जोशी ने बताया कि जिला खेलकूद एवं प्रोत्साहन समिति और स्टेडियम प्रशासन द्वारा 10 मीटर शूटिंग रेंज के लिए एक एयर पिस्टल और एक एयर राइफल और 25 मीटर शूटिंग रेंज के लिए .22/32 पिस्टल खरीदी जानी हैं। डीएम ने इसके लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है।

खिलाड़ियों का दर्द

निशानेबाजी की प्रतियोगिताएं नहीं होने से खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धी माहौल नहीं मिल पा रहा है। प्रतियोगिताएं होंगी तो खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिल सकेगा।

-दाऊजी राजपूत, खिलाड़ी

शूटिंग रेंज में अभ्यास तो शुरू हो गया है, लेकिन प्रतियोगिताएं नहीं होने से दबाव में खेलने का अनुभव नहीं मिल रहा है। टूर्नामेंट होंगे तो खिलाड़ियों को सीखने को मिलेगा।

-हर्ष अग्रवाल, खिलाड़ी

टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय निशानेबाजों के खराब प्रदर्शन से निराशा मिली है। मैंने अभी निशानेबाजी सीखना शुरू किया है। रेंज में खिलाड़ियों को सीखने को मिलता है।

-वैष्णवी सिंह, खिलाड़ी

निशानेबाजी के बारे में काफी सुना था, लेकिन कभी देखा नहीं था। निशानेबाजी सीखने की शुरुआत की है। यहां सुविधाएं सुधारी जा रही हैं और अच्छी ट्रेनिंग मिल रही है।

-साहिल पूनिया, खिलाड़ी


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