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Pick Pocket in Agra: जेब कतरे के ये टिप्स हैं बड़े काम के, बचानी है जेब तो ध्यान से पढ़ें ये खबर

Pick Pocket in Agra जेबकट गिरोह सक्रिय होने की सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाया। हरीपर्वत थाने के एक सिपाही ने तीन दिन ई-रिक्शा चलाया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 03:20 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 03:20 PM (IST)
Pick Pocket in Agra: जेब कतरे के ये टिप्स हैं बड़े काम के, बचानी है जेब तो ध्यान से पढ़ें ये खबर
Pick Pocket in Agra: जेब कतरे के ये टिप्स हैं बड़े काम के, बचानी है जेब तो ध्यान से पढ़ें ये खबर

आगरा, जागरण संवाददाता। बकरीद और रक्षाबंधन को लेकर लोग खरीदारी को निकल रहे हैं। संजय प्लेस और एमजी रोड पर जेबकट गिरोह सक्रिय होने की सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाया। हरीपर्वत थाने के एक सिपाही ने तीन दिन ई-रिक्शा चलाया। सवारी की जेब काटते एक शातिर को रंगेहाथ दबोच लिया।

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सिपाही गौतम तीन दिन से संजय प्लेस इलाके में ई-रिक्शा चला रहा था। गुरुवार को दोपहर संजय प्लेस से हरीपर्वत चौराहे के लिए बुजुर्ग सवारी उसमें बैठी। उसके बराबर एक युवक बैठ गया। बुजुर्ग की जेब काटकर उसमें रखे 65 हजार रुपये निकालने की कोशिश करने लगा। चालक बने सिपाही ने उसे दबोच लिया। पूछताछ पर जेबकट ने अपना नाम पहले संजय गिहारा, ङ्क्षबदकी, जिला फतेहपुर बताया। शक होने पर पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने अपना नाम शंकर निवासी रामनगर, गिहार बस्ती, छिबरामऊ जिला कन्नौज बताया।

बुजुर्ग ने पुलिस को बताया कि वह एक कपड़े के शोरूम में काम करते हैं। बेटी की शादी के लिए अपने फंड से रकम निकालकर ला रहे थे। बुजुर्ग ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। इंस्पेक्टर अजय कौशल ने बताया कि जेब कट को जेल भेजा गया है।

जेब कट बोला, ऐसे बचा सकते हैं अपनी रकम

-ज्यादातर जेबकट अपने पास थैला, साफी या अखबार रखते हैं। इसे वह बगल में बैठी सवारी के पैरों पर डाल देते हैं।

-जैसे ही कोई आप के पैरों पर साफी, थैला या अखबार डाले सतर्क हो जाएं। उसे तत्काल पैरों से हटा दें।

-गाड़ी में बैठते समय जेबों को चेक करें, रास्ते में और उतरने से पहले भी जेब चेक करें।

-कोई सवारी बैठने के कुछ दूर बाद ही उतरने के लिए आतुर दिखे तो सतर्क हो जाएं।अपनी जेबों को चेक करें।

-गाड़ी के 50 से 100 मीटर चलते ही जेब कट सक्रिय हो जाते हैं, इसलिए लगातार सतर्क रहें।

-सामने कमीज की जेब से रकम निकालना जेब कट के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होता है। आंखों के सामने वह हाथ की सफाई नहीं दिखा पाते। इसलिए हो सके तो रकम कमीज की जेब में रखें।

-पैंट के पीछे और साइड की जेब वह चंद सेकेंड में काट देते हैं।

ब्लेड भी होते हैं लकी और अनलकी

गिरफ्तार जेब कट ने पूछताछ में बताया कि ब्लेड भी लकी और अनलकी होते हैं। जिस ब्लेड से जितनी ज्यादा बार वह जेब काटते हैं, उसे उतना ही लकी मानते हैं। साथी जेबकटों में लकी ब्लेड के अच्छे दाम मिलते हैं।  


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