Shri Krishna JanmaBhoomi: माथुर चतुर्वेद परिषद के संरक्षक ने दिया इस्तीफा, श्री कृष्ण जन्मस्थान बना इसके पीछे की वजह
Shri Krishna JanmaBhoomi माथुर चतुर्वेद परिषद और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से पक्षकार बनने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र से खफा परिषद के संरक्षक गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया।
आगरा, जेएनएन। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में जिला जज की अदालत में चल रहे वाद को लेकर माथुर चतुर्वेद परिषद और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से पक्षकार बनने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र से खफा परिषद के संरक्षक गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले मे श्री कृष्ण विराजमान व अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आठ लोगों द्वारा जिला जज की अदालत में वाद दायर किया गया है। इस वाद में पक्षकार बनाने के लिए बुधवार को अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा और माथुर चतुर्वेद परिषद की ओर से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है, इसमें पक्षकार बनाने की अपील की गई है। दाखिल प्रार्थना पत्र में ये भी कहा गया है कि जब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच 1968 में समझौता हो गया है, तो फिर वाद दायर करने का औचित्य नहीं है। इसलिए वाद को निरस्त करने की मांग की गई है। इस मामले में जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत ने 18 नवंबर की तारीख तय की है। प्रार्थना पत्र दाखिल होने से नाराज गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ को समझौता करने का अधिकार ही नहीं था, ऐसे में ये समझौता गलत है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र दाखिल करने वाली दोनों संस्थाएं धार्मिक संस्थाएं हैं, इन्हें इस मामले में प्रार्थना पत्र दाखिल ही नहीं करना चाहिए था। बताते चलें कि गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे और जेल जा चुके हैं। वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य भी हैं।