हड़ताल खत्म होने के बाद मरीज की मौत, हंगामा
आगरा: एसएन में बैकफुट पर आए जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल तो खत्म कर दी लेकिन हालत नहीं सुधरे।
आगरा: एसएन में बैकफुट पर आए जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल तो खत्म कर दी लेकिन हालत नहीं सुधरे हैं। सोमवार को पेट दर्द से पीड़ित मरीज की मौत पर परिजनों ने हंगामा किया।
दिल्लीगेट के अशोका होटल एंड बार में तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले में 15 जूनियर डॉक्टरों को जेल भेजे जाने के बाद रविवार रात 10 बजे समझौते के बाद हड़ताल खत्म हो गई थी। अगली सुबह एसएन इमरजेंसी में पेट दर्द से पीड़ित रुनकता निवासी ¨रकू (25) को गंभीर हालत में भर्ती किया गया। आरोप है कि यहां वह दर्द से तड़पता रहा, परिजन डॉक्टरों के सामने इलाज शुरू करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। कई घंटे बाद एक जूनियर डॉक्टर ने चेकअप तो किया लेकिन कोई दवा नहीं दी। दोपहर 12 बजे उसकी मौत होने पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। बाद में वरिष्ठ डॉक्टरों के समझाने पर उन्हें शांत किया गया। हाथ में ड्रिप लेकर घंटों खड़े रहे तीमारदार
खेरागढ़ निवासी बच्चू सिंह को करंट लगने पर सोमवार को एसएन इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। यहां उन्हें ड्रिप चढ़ा सर्जरी वार्ड में रेफर कर दिया। इमरजेंसी के गेट पर स्ट्रेचर पर बच्चू सिंह को लिटाकर परिजन हाथ में ड्रिप लिए घंटों खड़े रहे। हालांकि बाद में उन्हें शिफ्ट कर दिया गया। ऑपरेशन टले, भटकते रहे तीमारदार
सर्जरी विभाग के जिस जूनियर डॉक्टर (द्वितीय वर्ष) अमित की जन्मदिन पार्टी के बाद बवाल हुआ, उसे भी जेल भेजा गया। डॉक्टर काम पर लौट आए लेकिन कुछ ऑपरेशन टाल दिए गए। अपने मरीज के ऑपरेशन के लिए तीमारदार डॉक्टरों के चैंबर के चक्कर लगाते रहे। यह है हाल
इमरजेंसी में बेड - 40
मरीज भर्ती हुए - 60 गंभीर हालत के कारण मौत हो सकती है, इलाज नहीं मिला, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
डॉ. एसके मजूमदार, प्रमुख अधीक्षक एसएन मेडिकल कॉलेज