Murder in Dowry: डॉ. दीप्ति के ससुरालीजनों के खिलाफ दर्ज हुआ दहेज हत्या का मुकदमा
Murder in Dowry एक करोड़ रुपये लाने को दीप्ति पर बना रहे थे दबाव कई बार की मारपीट। डॉ. एससी अग्रवाल उनके बेटे बहू और पत्नी पर भी क्रूर व्यवहार करने का आरोप।
आगरा, जागरण संवाददाता। महिला चिकित्सक डॉ. डॉ. दीप्ति की मौत के मामले में शुकवार को नया मोड़ आ गया। दीप्ति के पिता ने उनके ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, पति डॉ. सुमित, जेठ डॉ. अमित, जेठानी तूलिका और सास अनीता के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा लिखाया है। उनका आरोप है कि ससुरालीजन दीप्ति को एक करोड़ रुपये लाने को दबाव बना रहे थे। क्रूर यातनाओं के कारण दो बार दीप्ति का गर्भपात हो गया। एक बाद बच्चा पैदा हुआ, लेकिन जीवित नहीं रहा। मां न बन सकी तो उन्होंने इनाया को गोद ले लिया। इसको लेकर भी ससुरालीजन खुश नहीं थे। इसके बाद साजिशन उनकी हत्या की गई है।
ताजगंज के विभव नगर स्थित विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में तीन अगस्त को महिला चिकित्सक डॉ. दीप्ति का शव फ्लैट में फंदे से लटका मिला था। पति ने उनका शव फंदे से नीचे उतारकर अस्पताल में भर्ती किया। यहां गंभीर हालत में उनका उपचार चल रहा था। गुरुवार सुबह फरीदाबाद के अस्पताल में उनकी सांसें थम गईं। कोसी में दीप्ति का मायका था। उनकी मौत के बाद पिता डॉ. नरेश मंगला ने अंतिम संस्कार कोसी में ही किया। शुक्रवार रात वे आगरा आए। उन्होंने एसएसपी बबलू कुमार से मुलाकात की। इसके बाद वे तहरीर लेकर रात साढ़े नौ बजे थाना ताजगंज पहुंच गए। तहरीर के मुताबिक, डॉ. नरेश मंगला ने बेटी की शादी में डेढ़ करोड़ रुपये का दहेज देकर डॉ. सुमित से शादी की थी। मगर, इससे ससुरालीजन खुश नहीं थे। दहेज के लिए वे डॉ. दीप्ति से दुव्र्यवहार करते थे। कुछ दिन उन्होंने चेक से रुपये दे दिए। मगर, बाद में रुपये देना बंद कर दिया। तभी से लगातार धमकी मिल रही थीं। आरोप है कि तीन अगस्त को साजिश के तहत दीप्ति की हत्या की गई थी। मरणासन्न हालत में अपने बचाव को दीप्ति को अस्पताल में भर्ती कर लिया था। सही उपचार भी नहीं दिया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि तहरीर के मुताबिक मुकदमा दर्ज कराया गया है। सीओ स्तर के अधिकारी मुकदमे की विवेचना करेंगे। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
बेटी को इंसाफ दिलाकर रहेंगे
डॉक्टर नरेश मंगला का कहना है कि दीप्ति कोसी की बेटी की थी तो आगरा की बहू थी। उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला तो मथुरा वाले अपनी बेटियों की शादी आगरा नहीं करेंगे। आगरा वालों को उनकी बेटी के इंसाफ के लिए उनके साथ आना होगा। उन्होंने बेटी को अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। पढ़ा लिखाकर कर इस लायक बनाया कि वह सिर उठाकर जी सके। शादी की तो राजकुमारी की तरह विदा किया। मगर, यहां उसे क्रूरता पूर्ण व्यवहार झेलना पड़ा। वह संस्कारी थी। इसलिए कभी जुबान नहीं खोली। खामोश रहकर सहन किया। डॉक्टर होने के बावजूद ससुरालीजनों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। बेटी के खिलाफ एक साजिश रची गई थी। वह शांत नहीं बैठेंगे। जब तक बेटी को इंसाफ नहीं दिला लेंगे तब तक चैन से नींद नहीं आएगी। उनकी बेटी चली गई। बहुत दूर। अब लौटकर नहीं आएगी। कम से कम बेटी को यह तो नहीं लगेगा कि उसके पापा ने उसे इंसाफ दिलाने के लिए कुछ नहीं किया।
तीन अगस्त को दीप्ति ने जताया था जान का खतरा
डॉ. नरेश मंगला ने तहरीर में आरोप लगाया है कि दीप्ति को 18-19 दिन पहले ससुराल वालों ने बुरी तरह पीटा था। धमकाया था कि मायके में सूचना दी तो खैर नहीं। तीन अगस्त को दीप्ति ने दोपहर 3.09 बजे और शाम 5.31 पर उन्हें इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि ससुराल वाले मंत्रणा कर रहे हैं। उन्हें जान जाने का खतरा है। वे फरीदाबाद में थे। आने में समय लग गया। तब तक आरोपितों ने अपने मंसूबे पूरे कर लिए।
तीन वर्ष पहले भी की थी मारपीट
दीप्ति के पिता के मुताबिक, वर्ष 2017 में बेटी के साथ ससुराल में मारपीट की गई थी। उन्होंने वृंदावन में मेडिकल भी करा लिया था। तभी डॉ. एससी अग्रवाल को पता चल गया। उन्होंने कार्रवाई के डर से गलती का अहसास करते हुए भविष्य में ऐसा न होने की बात कही और मना लिया। अगर तभी कार्रवाई हो जाती तो यह नौबत नहीं आती।