No School No Fees: टीसी मांगी, तो स्कूल ने लिखा अभिभावक हैं झगड़ालू, पढ़ें क्या है पूरा मामला
प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) सदस्य अशोक नगर स्थित बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय पहुंचें। सेंट अगस्टीन स्कूल की मनमानी की शिकायत की।
आगरा, जागरण संवाददाता। अब तक तो स्कूल अभिभावकों पर जबरन फीस जमा कराने का ही दबाव बना रहे थे, लेकिन अब मनमानी की शिकायत से झुंझलाकर बच्चों का भविष्य तक ताक पर रखना शुरू कर दिया है। यह शिकायत लेकर प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) सदस्य शुक्रवार को अशोक नगर स्थित बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय पहुंचें। पीड़ित अभिभावक महेश कुमार ने बताया कि उन्होंने बालूगंज स्थित सेंट अगस्टीन स्कूल की मनमानी की शिकायत शिक्षा विभाग और पुलिस में की तो, प्रधानाचार्य आक्रोशित हो गई। हमने टीसी मांगी, तो उन्होंने अपनी भड़ास निकालने को दुर्भावना ग्रसित होकर बेटे की टीसी पर आपत्तिजनक शब्द लिख दिए कि बच्चा पढ़ाई में कमजोर है और अभिभावक झगड़ालू हैं, ताकि बच्चे को कहीं और प्रवेश न मिले। जबकि बच्चा हमेशा 70 से 80 फीसद अंक लाता है।
कराया मुकदमा
अभिभावक एड. राकेश तिवारी ने बताया कि इस स्कूूल ने अब तक उन्हें उनके बच्चे की टीसी नहीं दी। जबकि स्कूल आठवीं तक ही है , बच्चा आठवीं पास कर चुका है। ऐसे में उनसे बेवजह छह महीने की फीस मांगी जा रही है, इसलिए उन्होंने सेंट अगस्टीन स्कूल के ख़िलाफ अवैध वसूली करने का मुकदमा भी दर्ज कराया है। पापा संस्था के दीपक सरीन ने बताया कि सेंट अगस्टीन स्कूल प्रबंधन ने शुक्रवार को फीस माफी की मांग को लेकर पहुंचीं दो महिला अभिभावकों को भी स्कूल परिसर में बंद कर दिया, जिन्हें फोन पर मिली शिकायत पर पहुंचे इंस्पेक्टर रकाबगंज दिनेश कुमार ने छुड़ाया। संस्था की रुचि राव ने कहा कि महिलाओं के साथ स्कूलों की अभद्रता बरदाश्त नहीं की जाएगी। मामले में संस्था सोमवार को दोबारा बीएसए से मुलाकात करेगी। इस दौरान दीपक वर्मा, अरुण मिश्रा, अरुण भाटिया, मनोज गोयल, महेश चंद, राकेश तिवारी आदि मौजूद रहे।
स्कूल वाहनों का टैक्स व बीमा किस्त हों माफ
स्कूल बंद हैं और शैक्षिक संस्थानों के वाहनों का कोई प्रयोग नहीं हो पा रहा। न ही उनसे कोई आमदनी हो रही हैं। ऐसे में उनका बीमा और रोड टैक्स स्कूल संचालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इसको लेकर एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है।संगठन अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता व सचिव डॉ. गिरधर शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन से लेकर अब तक स्कूली वाहन यूं ही खड़े हैं, उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा। यातायात शुल्क न लेने के कारण कोई आमदनी भी नहीं हो रही। ऐसे में उक्त अवधि के लिए इन स्कूली वाहनों का रोड टैक्स माफ कर बीमा प्रीमियम जमा कराने की अवधि बढ़ाई जाए, ताकि शैक्षिक संस्थानों की आर्थिक मदद हो सके।