मुगल पेंटिंग से सुशोभित हुआ भगवान श्रीराम की बहन के नाम पर बना ये घाट Agra News
सूर सरोवर पक्षी विहार में है शांता घाट। मुगल दरबार के चित्रकार गोबर्धन की पेंटिंग की प्रतिकृति घाट की दीवारों पर बनाई गई है।
आगरा, जागरण संवाददाता। सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) में भगवान श्रीराम की बड़ी बहन शांता के नाम पर बना घाट मुगल पेंटिंग से सुशोभित हो रहा है। मुगल दरबार के चित्रकार गोबर्धन की पेंटिंग की प्रतिकृति घाट की दीवारों पर बनाई गई है। यह यहां पहुंचने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र और जिज्ञासा का विषय बनी हुई हैं।
मुगल दरबार में चित्रकार गोबर्धन थे। वर्ष 1580 में जन्मे गोबर्धन ने अकबर, जहांगीर और शाहजहां के दरबार में काम किया था। उन्होंने वाल्मीकि रामायण में उल्लिखित विवरण के आधार पर भगवान राम की बहन शांता व उस समय की पेंटिंग बनाई थी। आगरा में बनाई गई यह पेंटिंग अमेरिकी करोबारी और संग्रहक चार्ल्स हेज फरेर (1854-1919) के माध्यम से भारत लौटी थी। सामाजिक संस्था लोक स्वर के अध्यक्ष राजीव गुप्ता और जलाधिकार फाउंडेशन द्वारा यह पेंटिंग वन एवं वन्य जीव विभाग को उपलब्ध कराई गई। विभाग ने कीठम स्थित शांता घाट पर इस पेंटिंग की प्रतिकृति पेंटर पूरन से तैयार कराई है। घाट की सीढ़ियों के दोनों ओर दीवार पर ऊपर पेंटिंग की प्रतिकृति बनाई गई है, जबकि नीचे की तरफ पक्षियों के चित्र उकेरे गए हैं। घाट से ही बोट का संचालन झील में होता है, जिससे यह पेंटिंग यहां आने वाले हर पर्यटक के लिए जिज्ञासा का विषय बनी है।
जलाधिकार फाउंडेशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि सींगना गांव श्रृंगी ऋषि के नाम पर ही है। उनका विवाह भगवान श्रीराम की बड़ी बहन शांता के साथ हुआ था। राजा दशरथ ने शांता को अपने साढ़ू रोमपाद व कौशल्या की बहन वर्षनी को गोद दे दिया था। हम श्रृंगी ऋषि के नाम पर घाट बनवाने को प्रयासरत हैं।
महाभारत और मौर्यकालीन साक्ष्य मिल चुके हैं
इतिहासविद् राजकिशोर राजे बताते हैं कि सींगना में महाभारत और मौर्यकालीन अवशेष वर्ष 1978 में मिल चुके हैं। यहां मौर्यकालीन ईंटें और भूरे रंग के मिट्टी के बने पात्र मिले थे। श्रृंगी ऋषि, भगवान श्रीराम की बहन के पति थे जो यहां निवास किया करते थे। उनके नाम पर ही सींगना गांव है।