सूर सरोवर पक्षी विहार में आया एक और नया मेहमान, पेंगोलिन का भी हो सकता है अब दीदार
बीस नवंबर को बिचपुरी के लड़ामदा गांव के खेत से वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम ने किया था रेस्क्यू चिकित्सकों की निगरानी में रहा था नौ दिन। जंगल के माहौल में जल्द ही घुल मिल जाएगा क्योंकि हमलावर वन्यजीव भी इसको चोट नहीं पहुंचा पाते हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। अब सूर सरोवर पक्षी विहार में पर्यटकों को पेंगोलिन भी देखने को मिल सकता है। रविवार को वन अधिकारी और वाइल्ड लाइफ एसओएस के कर्मचारियों ने इसे पक्षी विहार में छोड़ा है। जो नौ दिन पहले लड़ामदा से रेस्क्यू किया गया था।
सूर सरोवर पक्षी विहार के वन क्षेत्राधिकारी योगेश सिंह ने बताया कि 20 नवंबर को बिचपुरी के लड़ामदा गांव के पास खेतों में पेंगोलिन घूमता देखा गया था। किसान इसे देखकर दहशत गए। गांव में सूचना मिलने पर काफी ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। इसके बाद ग्रामीणों ने वाइल्ड लाइफ एसओएस के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दी। कुछ ही देर में वन विभाग और वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम पहुंच गई और उसे रेस्क्यू कर लिया। वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम ने नौ से भालू संरक्षक केंद्र के अंदर चिकित्सकों की निगरानी में रखा। चिकित्सकों को वह स्वस्थ नजर आया। इस कारण रविवार को उसे सूर सरोवर पक्षी विहार के जंगल में छोड़ दिया।
यह है पेंगोलिन की खासियत
पेंगोलिन या वज्रशल्क एक स्तनधारी वन्यजीव है। इसके शरीर पर कैराटीन के बने स्केल्स (शल्क) होते हैं। इनके माध्यम से अपनी रक्षा करता है। इनके कारण हमलावर वन्यजीव इसको चोट नहीं पहुंचा पाते। पेंगोलिन ज्यादातर भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान में पाए जाते हैं। इसका भोजन चीटी और दीमक है। इसके शरीर के कुछ अंगों से चीन में दवाई बनाई जाती है।