CoronaVirus Side Effect: कोरोना के चलते संकट में आया आगरा का ये कारोबार, 20 हजार कारीगर खाली हाथ
पेंट की दुकानों पर पसरा है सन्नाटा जानकारी करने भी नहीं पहुंच रहे लोग। पेंट कारोबार से जुडे़ 20 हजार कारीगरों के सामने खड़ी हुई परेशानी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में लोगों के घरों को चमकाने वाले पेंट कारोबार पर धुंधलाहट छाई हुई है। पिछले सालों में इन दिनों में पेंट की दुकानों पर लोगों की भीड़ रहती थी, लेकिन आज तस्वीर एकदम उलट है। पेंट कराना तो दूर कोई जानकारी करने भी नहीं आ रहा है। हर साल दीपावली से पहले लोग घरों में रंगाई- पुताई कराते हैं। यह काम पितृपक्ष से पहले ही शुरू हो जाता है। आगरा पेंट व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष मुरारीलाल गोयल ने बताया कि इन दिनों में ऑफिस, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठानों में काम चलता था। मगर, आज की स्थिति यह है कि अभी तक कहीं भी काम का ऑर्डर नहीं आया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल जिले में करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, लेकिन इस बार इसके आधा रहने की उम्मीद है।
20 हजार कारीगर होंगे प्रभावित
पेंट कारोबार से करीब 20 हजार लोग जुडे़ हैं। इनमें रंगाई-पुताई, पुट्टी करने वाले कारीगर हैं। इन दिनों में कारीगरों को काम मिलना शुरू हो जाता था। दीपावली तक कारीगर खाली नहीं रहते थे। पेंट का काम करने वाले भगवान सिंह ने बताया कि 20 साल से ये काम कर रहे हैं। पहली बार ऐसा हे कि कोई काम नहीं है।
संक्रमण का डर
100 वर्ग मीटर के एक मंजिला मकान में पेंट का करीब 15 से 20 हजार रुपये तक का खर्च आता है। नौकरीपेशा लोगों को महामारी के समय में यह रकम अखर रही है। अधिकांश लोगों ने इस बार घर को चमकाने की योजना टाल दी है। पेंट कारोबारी दीपक अग्रवाल ने बताया कि कुछ लोग पेंट कराना चाह रहे हैं, लेकिन उन्हें संक्रमण का डर सता रहा है। उन्हें लग रहा है कि पेंट करने वाले आने वाले कारीगरों से संक्रमण न हो जाए। इसका भी असर पड़ रहा है।
स्टॉक भी किया कम
आगरा में पेंट की 300 से ज्यादा दुकान हैं। हर साल जुलाई में पेंट का नया स्टॉक मंगाना शुरू कर देते थे, लेकिन इस बार अधिकांश दुकानदारों ने स्थिति को देखते हुए माल मंगाने का निर्णय लिया है। कंपनियों ने भी कोई नया प्रोडक्ट लांच नहीं किया है।