खुले में शौच गए तो दर्ज हो सकता है मुकदमा
जागरण संवाददाता, आगरा: एक तरफ 31 मई तक पूरे जनपद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने की योजना है, दू
जागरण संवाददाता, आगरा: एक तरफ 31 मई तक पूरे जनपद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने की योजना है, दूसरी तरफ ऐसे लोगों की भी निगहबानी की जा रही है जो घर में शौचालय होने के बाद भी शौच के लिए खेतों में जाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ डीपीआरओ कार्यालय मुकदमा लिखवा सकता है।
सूरसदन में सोमवार को हुए कार्यक्रम में अनेक ग्राम प्रधानों और स्वच्छाग्रहियों ने डीएम गौरव दयाल को ओडीएफ कार्यक्रम की विफलता की कहानी सुनाई। बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं जो अपने घर में शौचालय बनने के बाद भी खुले में शौच जा रहे हैं। मना करने पर ऐसे लोग मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। प्रधानों ने डीएम को खुले में शौच जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस कर्मियों की डयूटी लगवाने का सुझाव दिया, लेकिन डीएम ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने सुझाव को अव्यवहारिक बताया। डीएम ने ग्राम प्रधानों और स्वच्छाग्रहियों से कहा कि वे अपने-अपने गांवों के ऐसे 4-4 लोगों की जानकारी दें जो घर में शौचालय होने के बाद भी शौच के लिए खेतों में जाते हैं। डीएम ने सीडीओ रविंद्र कुमार और डीपीआरओ जगदीश राम गौतम से कहा कि वे ग्राम प्रधानों से इनकी फेहरिस्त लेकर पुलिस को सौंप दें। आवश्यकता पड़ने पर मुकदमा लिखवाया जाए। डीएम ने प्रधानों से कहा कि उनकी मदद के बिना जनपद ओडीएफ नहीं बन सकता। जिले के 888 ग्रामों में से अभी 427 ग्राम ही ओडीएफ हो पाए हैं। अभी 50 फीसद काम होना बाकी है। प्रशासन ने इन गांवों को 31 मई तक ओडीएफ बनाने के निर्देश डीपीआरओ कार्यालय को दिए हैं।
तय समय में कार्य को पूरा करने के लिए मिस्त्रियों और मजदूरों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है।