Examination Center in Agra: कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र बन सकेंगे ये 21 सेंटर
Examination Center in Agra ताजगंज सदर लोहामंडी शाहगंज जगदीशपुरा हरीपर्वत न्यू आगरा सिकंदरा कमला नगर एत्माद्दौला और मलपुरा थाना क्षेत्रों में बनाए गए थे परीक्षा केंद्र। पिछले साल 27 और 28 जनवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित की गई थी परीक्षा।
आगरा, जागरण संवाददाता। पिछले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अव्यवस्थाएं पाई गई थीं। इससे अभ्यर्थियों को काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ा था। इसमें कोई केंद्र 18 किलोमीटर दूर बनाया गया था। किसी परीक्षा केंद्र तक जाने का रास्ता खराब और संकरा था।
इसके चलते 21 परीक्षों केंद्रों को अधिकारियों ने डिबार कर दिया था। इन परीक्षा केंद्रों द्वारा दोबारा अपने यहां सेंटर बनाए जाने की मांग की गई है। इन परीक्षा केंद्रों में पाई गई कमियों को दूर किया गया कि नहीं, संबंधित थानों को इसका भौतिक सत्यापन करने के निर्देश अधिकारियों ने दिए हैं। इन सभी परीक्षा केंद्रों को निर्धारित मानकों की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही दोबारा सेंटर बनाया जाएगा।
पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पाई गईं थीं यह कमियां
- शहर से 18 किलोमीटर दूर तक मलपुरा में एक स्कूल काे परीक्षा केंद्र बनाया गया था।
- परीक्षा केंद्र के लिए ऐसे स्कूल का चयन करना था, जहां तक गाड़ी और रिक्शा आदि आसानी से जा सकें। इसके उलट ऐसे स्कूलों एवं कालेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया वहां जाने का रास्ता और गलियां संकरी थी। कोई साधन नहीं होने से कई अभ्यर्थियों की परीक्षा छूट गई थी।
- परीक्षा केंद्र के भवन काफी खराब थे। उनके फर्श और खिड़की-दरवाजे टूटे हुए थे। परीक्षा कक्षों के आधे हिस्से में कबाड़ रखा हुआ था। उसी में अभ्यर्थियों को बैठाया गया।
- इन केंद्रों पर फर्नीचर काफी खराब था। पांच फीट की मेज पर केवल दो अभ्यर्थियों को बैठाया जाना था। इसका पालन नही किया गया।
-परीक्षा केंद्राें खराब पेयजल और विद्युत आपूर्ति की सही व्यवस्था नहीं थी। इसे लेकर कई केंद्रों पर अभर्थियों ने हंगामा किया था।
- एक ही विद्यालय में दो परीक्षा केंद्र बना दिए थे। इसके अलावा बिजली और पानी भी नहीं था।
- मानकाें के विपरीत परीक्षा केंद्रों को बनाया गया था। इनमें 62 परीक्षा केंद्रों में 42 यूपी बोर्ड, 12 डिग्री कालेज और चार सीबीएसइ बोर्ड के स्कूल परीक्षा केंद्र बनाने के लिए चयनित किए गए थे।
- स्टाफ भी प्रशिक्षित नहीं लगाया गया था इसमें निम्न परीक्षा केंद्रों के चयन के चलते स्टाफ भी दक्ष नहीं था। इनमें कई में तो अभर्थी के स्वजन ही कक्ष निरीक्षक बना दिए थे।
- केंद्रों पर कम आयु के कक्ष निरीक्षक बनाए गए थे। इसके साथ ही अभ्यर्थतियों की तलाशी के लिए भी अनुभव विहीन लोगो को कक्ष निरीक्षक बना दिया था।
- सीसीटीवी कैमरों की मानीटरिंग को लगाई डिस्प्ले छोटी होने के चलते कुछ स्पष्ट नहीं था।
- अधिकांश सीसीटीवी कैमरों की कोडिंग नही थी इसके चलते किस कैमरे में कौन सा कैमरा चल रहा है। इसका पता लगाने में दिक्कत होनी तय थी।
- परीक्षा केंद्रों पर बायोमैट्रिक की व्यवस्था की गई थी। बायोमैट्रिक के बाद ही अभ्यर्थी को अंदर जाने देना था।इसके विपरीत कई केंद्रों पर बायामैट्रिक का मिलान नहीं होने पर अभ्यर्थी को नाम- पते और फोटो एवं प्रमाण पत्रों के साथ जाने दिया गया।