Online Thugs: जरा संभलकर करें ऑनलाइन शॉपिंग, इस नये तरीके से शातिर बना रहे शिकार
Online Thugs वेबसाइट पर फ्रिज और स्कूटर बेचने का विज्ञापन देकर ठगा। एत्माद्दौला क्षेत्र की घटना शातिर ने खुद को बताया था फौजी।
आगरा, जागरण संवाददाता। बैंक खाताें से अपने खाते में रकम ट्रांसफर करने वाले साइबर शातिर अब लोगों से ठगी का नया तरीका अपना रहे हैं। ऑनलाइन खरीदफरोख्त की वेबसाइट पर विज्ञापन देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। खुद काे फौजी बताकर उन्हें विश्वास में लेने के बाद उनकी रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर रहे हैं। शातिरों ने फ्रिज और स्कूटर बेचने का विज्ञापन देकर महिला समेत दो लोगो को ठग लिया। उनसे ऑनलाइन अपने खाते में रकम ट्रांसफर कराने के बाद सामान नही भेजा। पीड़ितों ने एत्माद्दोला थाने में शिकायत की है।
पहला मामला नई आबादी कछपुरा निवासी विजय कुमार का है। विजय ने बताया कि शनिवार को वेबसाइट पर पुराना फ्रिज खरीदने का विज्ञापन देखा। नौ हजार रुपये की कीमत वाला एक फ्रिज पसंद आया। वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो युवक ने खुद को सैनिक बताया। बातचीत के बाद वह फ्रिज को 6500 रुपये में देने पर राजी हो गया। शातिर ने फोनपे से अपने खाते में पूरी रकम ट्रांसफर करा ली। इसके बाद उसने भाड़े के नाम पर 7999 रुपये भी अपने खाते में डलवा लिए। विजय को भरोसा दिलाया कि फ्रिज पहुंचने के बाद भाड़े की रकम वापस कर दी जाएगी। मगर, शातिर ने फ्रिज नहीं भेजा। जबकि ठगी की दूसरी घटना श्याम नगर नाराज निवासी मीना पत्नी कोमल सिंह के साथ हुई। मीना ने बताया कि शुक्रवार की सुबह स्कूटर खरीदने के लिए वेबसाइट पर विज्ञापन देख रही थी। एक स्कूटर जिसकी कीमत 17 हजार रुपये थी। वह पसंद आने पर दिए गए नंबर पर बात की। शातिर ने खुद को फौजी बताते प्रभाव में लेने के बाद 15 हजार रुपये में सौदा तय हाे गया। शातिर ने फोनपे से करीब सात हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद ट्रांसपोर्ट के नाम पर गाड़ी को दिल्ली से आगरा भेजने के लिए रकम मांगने लगा। इससे मीना को शक हो गया। ठगी की शिकार मीना ने एत्माद्दौला थाने में शिकायत की है।
वेबसाइट पर ठगी करने वाला गिरोह फिर से सक्रिय
वेबसाइट पर विज्ञापन देकर लोगो से ठगी करने वाला गिरोह फिर से सक्रिय हाे गया है। शातिर ग्राहको को अपने जाल में फंसाने के लिए खुद को फाैजी बताते हैं। इससे कि लोगों को उन पर भरोसा हो जाए। इसके बाद सौदेबाजी का नाटक करके दो से तीन हजार रुपये कम कीमत पर सामान देने को राजी हो जाते हैं। इससे ग्राहक को लगता है कि वह विज्ञापन में दिखाई चीज उन्हें सस्ते में मिल रही है। वह तुरंत शातिर के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर करने के लिए राजी हो जाता है।