जवाहर बाग कांड के एक आरोपित की मौत, बीमारी को बताया जा रहा कारण
मथुरा जेल से एसएन में कराया था भर्ती बरेली का रहने वाला था मृतक। कैदी की मौत पर परिजनों ने खड़ा किया सवाल तीन साल से था निरुद्ध।
आगरा, जागरण संवाददाता। मथुरा के चर्चित जवाहर बाग कांड के आरोपित की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे शनिवार को हालत बिगडऩे पर मथुरा से एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। जेल प्रशासन का कहना है कि कैदी की मौत बीमारी से हुई है। बरेली से पहुंचे कैदी के परिजनों ने अचानक मौत पर सवाल खड़ा करते हुए उसे प्रताडि़त करने की आशंका जताई है।
मथुरा के जवाहर बाग को दो जून 2016 में रामवृक्ष यादव और उसके समर्थकों से पुलिस द्वारा खाली कराने पर उन्होंने हमला बोल दिया था। इसमें तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ सुबोध कुमार शहीद हो गए थे। पुलिस कार्रवाई में रामवृक्ष समेत 28 लोग मारे गए थे। मामले में पुलिस ने रामवृक्ष के 100 से अधिक समर्थकों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
इसमें बरेली के थाना भूता के गांव दौलतपुर करेना निवासी 37 वर्षीय सीताराम और उसके बड़े भाई नेतराम भी शामिल थे। सीताराम को मथुरा और नेतराम को आगरा में जिला जेल में रखा गया। परिजनों के अनुसार शनिवार शाम पांच बजे उन्हें मथुरा जेल से सीताराम की हालत बिगडऩे पर उसे एसएन में भर्ती कराने की सूचना मिली। इसके कुछ घंटे बाद उसकी मौत की जानकारी दी गई। इससे पहले उसका स्वास्थ्य सही था। बीमारी के बारे में भी कभी नहीं बताया गया। परिजनों ने कैदी को जेल में प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है।
उधर, मथुरा जेल प्रशासन का कहना है कि कैदी सीताराम को खून की कमी, जोड़ों के दर्द और कमजोरी की शिकायत होने पर एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा रेफर किया गया था। वहां इलाज के दौरान बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई। उसका पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराने के साथ ही उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
पत्नी ने जेल में दिया था बेटे को जन्म
जवाहर बाग कांड में सीताराम की पत्नी धर्मवती को भी पुलिस ने जेल भेजा था। वहां से उसे एटा जेल स्थानांतरित कर दिया गया। धर्मवती ने जेल में ही बेटे को जन्म दिया। ढाई महीने बाद होने के बाद से वह गांव में है। आरोपित सीताराम के चार बच्चे हैं।