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DVVNL: वेतन बढ़ोतरी की मांग करने वाले आपरेटरों को नौकरी से निकालने में जुटे बिजली अधिकारी

DVVNL सात नवंबर को 116 आपरेटरों का एमडी के सामने रखा था पक्ष। बिना कारण दोनों आपरेटरों के मुख्यालय प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध। आपरेटरों की वार्ता डीवीवीएनएल प्रशासन व आपरेटर उपलब्ध कराने वाली फर्म दिव्या इंटरप्राजेज के स्वामी विजय कौशिक के साथ विफल रही थी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 10:10 AM (IST)
DVVNL: वेतन बढ़ोतरी की मांग करने वाले आपरेटरों को नौकरी से निकालने में जुटे बिजली अधिकारी
सात नवंबर को 116 आपरेटरों का एमडी के सामने रखा था पक्ष।

आगरा, जागरण संवाददाता। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) में काम करने वाले कंप्यूटर आपरेटरों की नौकरी पर बिजली अधिकरियों ने तलवार चलवानी शुरू कर दी। 116 आपरेटरों का पक्ष रखने वाले दो आपरेटरों के मुख्यालय प्रवेश पर प्रतिबंद लगा दिया और सभी आपरेटरों को कार्य बहिष्कार का दंड दो दिन की तनख्वाह काटने के रूप में दिया गया है।

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डीवीवीएनएल मुख्यालय में तीन व चार नवंबर को 116 कंप्यूटर आपरेटरों ने वेतन बढ़ोतरी और हर वर्ष त्योहार पर मिलने वाले बोनस की मांग की थी। इसके लिए आपरेटरों ने दो दिन कार्य बहिष्कार किया था। पहले दिन आपरेटरों की वार्ता डीवीवीएनएल प्रशासन व आपरेटर उपलब्ध कराने वाली फर्म दिव्या इंटरप्राजेज के स्वामी विजय कौशिक के साथ विफल रही थी। हालांकि फर्म बोनस का कुछ हिस्सा देने के लिए तैयार हुई और वेतन का मामला उलझा रहा। इसके बाद सात नवंबर को डीवीवीएनएल की प्रबंध निदेशक (एमडी) सौम्या अग्रवाल के साथ वार्ता हुई थी। एमडी ने वेतन बढ़ोतरी की मांग उप्र पावर कार्पोरेशन के उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया था। वार्ता के 12 दिन बाद 19 नवंबर को मुख्यालय के दो आपरेटर शिव नंदन यादव और ललित कुमार यादव को मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया। उन्होंने द्वार पर तैनात गार्डों से रोकने का कारण पूछा, तो एक्सईएन प्रशासन प्रवीन कुमार के कहने पर रोकने की बात कही। इसके बाद दोनों आपरेटर वापस घर चले गए। दोनों ने अधीक्षण अभियंता प्रशासन सुबोध शर्मा से बात की। उन्होंने निदेशक प्रशासन राकेश कुमार से मिलने के लिए कह दिया। शिव और ललित निदेशक से मिले भी और लिखित में अपना पक्ष रखा। जिसमें कार्यालय में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध का कारण भी पूछा। निदेशक ने मामले की जानकारी न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया।

लेबर कोर्ट में रखेंगे पक्ष

शिवनंदन यादव ने बताया कि वह और उसका साथी ललित मुख्यालय भुगतान विभाग में कार्यरत थे। बिजली अधिकारियों के कहने पर कार्यालय में प्रवेश बंद किया गया है। डीवीवीएनएल मुख्यालय में कंप्यूटर आपरेटर प्रदान करने वाली फर्म के स्वामी (कंप्यूटर आपरेटरों का ठेकेदार) विजय कौशिक ने भी दोनों युवकों के फोन नहीं उठाया हैं। मुख्यालय के अधिकारी नौकरी से निकालने का कारण नहीं बता रहे हैं। अब दोनों ने लेबर कोर्ट प्रकरण प्रस्तुत करने की तैयारी कर ली है।

पश्चिमांचल व पूर्वांचल के बराबर वेतन की मांग

कंप्यूटर आपरेटरों ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों के बराबर वेतन करने की मांग की थी। वेतन बढ़ोतरी होने के बाद पश्चिमांचल में 24 हजार रुपये प्रति आपरेटर हो गया है और पूर्वांचल में 17 हजार रुपये से ज्यादा प्रत्येक आपरेटर का वेतन है। जबकि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में केवल 12 हजार रुपये प्रति आपरेटर का वेतन है। 


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