Shastripuram Land Scam: शास्त्रीपुरम आवासीय योजना में अफसरों और कर्मचारियों ने खाई मलाई
सांसद राजकुमार चाहर ने मंडलायुक्त से जमीन बिक्री में हुए खेल की जांच की मांग की। दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई। मोहम्मदपुर गांव में पांच बीघा सरकारी जमीन बेचने पर सुशील गोयल और बेटे सचिन के खिलाफ दर्ज है मुकदमा। मंडलायुक्त ने कहा पत्र मिलने पर करेंगे कार्रवाई।
आगरा, जागरण संवाददाता। 32 साल पूर्व जिस सरकारी जमीन का आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने अधिग्रहण किया था, उस जमीन की बिक्री में खेल हुआ। शास्त्रीपुरम आवासीय योजना में संपत्ति अनुभाग के अफसरों और कर्मचारियों ने मलाई खाई। जमीन बिकती रही और संबंधित अफसर और कर्मचारी अनजान बने रहे। मामला खुलने के बाद दिल्ली गेट निवासी सुशील गोयल और बेटे सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया, जबकि दोषी अफसरों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। सांसद राजकुमार चाहर ने मंडलायुक्त अमित गुप्ता को पत्र लिखकर वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराने की मांग की है।
सांसद ने कहा है कि बिना एडीए अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत के जमीन की बिक्री नहीं हो सकती है। जब जमीन की बिक्री हो रही थी, उस दौरान सुशील गोयल को क्यों नहीं रोका गया और कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसी के चलते सुशील गोयल ने 125 परिवारों को जमीन बेच दी। मोहम्मदपुर गांव में यह जमीन खसरा नंबर 208, 218, 219, 220 और 278 में है। अब एडीए टीम लोगों को पैमाइश के नाम पर परेशान कर रही है। ऐसे में मामले की जांच के साथ ही संबंधित परिवारों की समस्या का स्थायी समाधान कराया जाए।
मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकती जमीन की बिक्री
सांसद राजकुमार चाहर ने बताया कि एडीए अफसरों और कर्मचारियों की बिना मिलीभगत के जमीन की बिक्री नहीं हो सकती है। मंडलायुक्त को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने के लिए कहा गया है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। लोगों की समस्या का समाधान कराने के लिए कहा गया है।
पत्र मिलने पर होगी कार्रवाई
मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने बताया कि शास्त्रीपुरम आवासीय योजना में पांच बीघा जमीन की बिक्री को लेकर सांसद का पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह कैसी जांच, अफसरों के नहीं घोषित किए नाम
एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया के आदेश पर एक माह पूर्व पांच बीघा सरकारी जमीन बेचने पर सुशील कुमार और उनके बेटे सचिन के खिलाफ शाहगंज थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एडीए उपाध्यक्ष ने मामले की जांच के आदेश दिए थे लेकिन यह जांच कौन कर रहा है। उन अफसरों के नाम घोषित नहीं किए गए। एडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि जमीन बिक्री में जो भी संलिप्त होगा, उस पर कार्रवाई होगी।