Civil Enclave: जानिए क्यों दूर नहीं हो पा रहीं सिविल एन्क्लेव की अड़चनें
Civil Enclave खेरिया हवाई अड्डे को ही विस्तार रूप देकर सिविल एन्क्लेव विकसित करने की योजना है। इसके लिए सदर तहसील अंतर्गत धनौली बल्हेरा और अभयपुरा में जमीन अधिग्रहण होना है। योजना के लिए लगभग 20 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।
आगरा, जागरण संवाददाता। सिविल एन्क्लेव योजना बीते पांच साल से अधर में है। टर्मिनल का निर्माण कार्य तो दूर, अब तक बाउंड्री तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया भी लटकी हुई है। प्रशासन कुछ किसानों को मनाने में अब तक सफल नहीं हो सका है।
खेरिया हवाई अड्डे को ही विस्तार रूप देकर सिविल एन्क्लेव विकसित करने की योजना है। इसके लिए सदर तहसील अंतर्गत धनौली, बल्हेरा और अभयपुरा में जमीन अधिग्रहण होना है। योजना के लिए लगभग 20 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। यहां 2325 मीटर लंबी बाउंड्री होनी है। मगर, जमीन अधिग्रहण न हो पाने के कारण लगभग दो हजार मीटर लंबी बाउंड्री का ही कार्य हो सका है। 325 मीटर लंबी बाउंड्री का काम रुका हुआ है। बाउंड्री निर्माण का कार्य मार्च 2018 में शुरू हुआ था। जोकि तीन करोड़ रुपये की लागत से उसी साल सितंबर पूरा होना था।एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया सिविल एन्क्लेव के निर्माण पर 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे टर्मिनल, बिल्डिंग व अन्य विकिसत की जाएंगी।
क्या होगा लाभ
ताजमहल को देखने के लिए हर रोज हजारों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इसके बावजूद आगरा में अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा नहीं है। इसको लेकर लंबे समय से मांग चल रही है। केंद्र और राज्य सरकार ने पहले तो यहां अंरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने पर ही सहमति दी लेकिन बाद में इस योजना को सिविल एन्क्लेव में बदल दिया गया। वर्तमान में खेरिया हवाई अड्डे पर 250 यात्रियों के आगमन और प्रस्थान की क्षमता है। एन्क्लेव में यह क्षमता प्रति घंटे 500 यात्रियों की हो जाएगी। इससे पर्यटन जगत को काफी लाभ मिलेगा।