इंटरनेट पर शातिरों का जाल, आप फंसींं तो फर्जी आइडी से अश्लील फोटो डाल मिनटों में कर देते हैं बदनाम
एस्कार्ट बता वेबसाइट पर डालीं अश्लील फोटो से आगरा में अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शिक्षिका भी हो गई थी डिप्रेशन की शिकार। शाहगंज की युवती को छह महीने पहले इसी तरह की बदनामी से तीन सप्ताह रहना पड़ा था अस्पताल में।
आगरा, अली अब्बास। केस एक: अंग्रेजी माध्यम की स्कूल की शिक्षिका की फोटो को एडिट करके छात्र ने उसे अश्लील वेबसाइट पर डाल दिया। शिक्षिका को ताजनगरी की एस्कार्ट बताते हुए उसका मोबाइल नंबर भी डाल दिया। अपने मोबाइल पर कई सौ फाेन आने से शिक्षिका डिप्रेशन में आ गईं। इससे उबरने में उसे कुछ समय लगा। इसके बाद आरोपित छात्र के खिलाफ शिक्षिका ने कानूनी कदम उठाया।
केस दो: शाहगंज की एक युवती जो कि स्नातकोत्तर की छात्रा है। एक युवक उसे काफी समय से दोस्ती का दबाव बना रहा था। छात्रा के मना करने पर युवक ने उससे बदला लेने के लिए छात्रा की फर्जी आइडी बनाई।इसके बाद उसके अश्लील फोटो और मोबाइल नंबर उसमें डाल दिया। छात्रा के नाम से उसके कई परिचितों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजी गई। इसकी जानकारी होने पर छात्रा डिप्रेशन में चली गई। उसकी हालत बिगड़ गई, वह करीब तीन सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रही। सामान्य होने के बाद उसने साइबर सेल की मदद लेकर आरोपित को सबक सिखाया।
इंटरनेट मीडिया पर युवतियों के फर्जी प्रोफाइल बनाकर उनके अश्लील फोटो डालने की घटनाएं उन्हें डिप्रेशन की शिकार बना रही हैं । आगरा में पिछले साल इस तरह के 20 से ज्यादा मामले साइबर सेल पहुंचे। अधिकांश मामलों मे इंटरनेट मीडिया में युवतियों को बदनाम करने वाले उनके अपने ही जानने वाले या करीबी थे। जिन्होंने युवती को पहले तो दोस्ती के लिए दबाव बनाया। उसने मना कर दिया तो बदला लेने के लिए उसकी फर्जी आइडी बनाई। युवतियों के अश्लील फोटो बनाने के बाद उसे इंटरनेट मीडिया पर डाल दिया। इसके साथ ही लोगों को फ्रैंड भी भेज दीं। इससे कि दोस्तों और रिश्तेदारों में उसका अपमान हो।
इंटरनेट मीडिया पर यह बरतें सतर्कता
-प्राइवेसी सेटिंग, सिक्योरिटी सेटिंग का इस्तेमाल करें।
-सामान्यत: आपको फ्रैंडस या फ्रैंडस आफ फ्रैंडस तक ही सीमित रहना चाहिए। अपरिचितों को नहीं जोड़ें।
-इंटरनेट मीडिया पर फ्लर्ट न करें, अपने आपको गुमनाम, गलत नाम, गलत सेक्स, गलत फोटो आदि से प्रस्तुत न करें। यह अपराध है।
-अपना पासवर्ड एक नियमित अंतराल पर बदलतें रहें । यदि फेसबुक में लागइन करने के बाद कोई लिंक दोबारा लागइन करने के लिए भेजा जाता है तो उस पर क्लिक न करें।
-अपने आपको को द्विस्तरीय फेसबुक लागइन सिक्योरिटी में भी पंजीकृत करें। जब कभी भी आप किसी दूसरे के कंप्यूटर या डिवाइस का इस्तेमाल करें तो तत्काल अपने मेल सर्विस प्रोवाइडर को इस संबंध मे जानकारी दें।
-यदि कोई व्यक्ति अनचाहे तरीके से परेशान करता है, ब्लैकमेल करता है तो पुलिस के पास जाकर शिकायत करें । इसका मतलब ये है कि कोई व्यक्ति अनचाहे ढंग से आपसे डिजीटली संपर्क कर रहा है तो उसे पहले स्टेप पर नहीं रोका तो इसका गलत संदेश जाएगा ।
-इंटरनेट मीडिया पर कभी अपनी लोकेशन, ट्रैवल प्लान साझा न करें ।
-आजकल बहुत से प्रलोभन और लालच देने वाले स्पैम लिंक प्रदर्शित होते हैं, जो आपके खाते की महत्वपूर्ण सूचनाएं चोरी करने का प्रयास करते हैं ।
ऐसे स्पैम मेल निम्न प्रकार के होते हैं
-अपना मोबाइल रिचार्ज कराएं।
-देखें किसने आपकी प्रोफाइल चेक की है।
-आपको एक वीडियाें में टैग किया गया है।
-आपका एकाउंट बहुत धीमा चल रहा है, अपना यूजर आइडी, पासवर्ड साझा करके उसे तेज करें।
फेसबुक सिक्योरिटी के लिये टिप्स
- केवल उन्हीं को दोस्त बनाएं या फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें जिन्हें आप जानते हैं।
- एक सुरक्षित पासवर्ड बनाएं और उसे केवल फेसबुक के लिये इस्तेमाल करें।
- अपना पासवर्ड किसी को साझा न करें।