CoronaVirus: कान्हा नगरी में नहीं आ रहे श्रद्धालु, बाहर जाने से भी तौबा, स्टेशन पर पसरा सन्नाटा
CoronaVirus कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालुओं की आमद हो गई है कम। स्टेशन पर पसरा रहता है सन्नाटा आरक्षण रद करा रहे यात्री। ट्रेनों में प्रतिदिन 12 से 14 हजार यात्री सफर करते थे लेकिन अब संख्या घटकर छह से सात हजार ही रह गई है।
आगरा, जेएनएन। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा तो धर्मनगरी में श्रद्धालुओं की आमद कम हो गई है। यहां से दूसरे शहरों में जाने वालों ने भी तौबा कर ली है। प्रतिदिन करीब एक हजार लोग मुंबई की ओर जाते थे, लेकिन अब इनकी संख्या करीब 250 ही रह गई है। जिस शहर में श्रद्धालुओं की भीड़ थमती नहीं थी अब यहां सन्नाटा पसरा है। ट्रेनों में प्रतिदिन 12 से 14 हजार यात्री सफर करते थे, लेकिन अब संख्या घटकर छह से सात हजार ही रह गई है। आरक्षण रद कराने वालों की संख्या भी बढ़ गई है।
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन मंदिर के पट बंद होने और कोरोना संक्रमण फैलने के कारण श्रद्धालुओं के पैर थम गए हैं। होली के निकट प्रतिदिन करीब चार-पांच सौ आरक्षण हो रहे थे और रेलवे को करीब दो लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा था। अब प्रतिदिन करीब 150 आरक्षण ही हो रहे हैं और केवल पचास हजार रुपये का ही राजस्व प्राप्त हो रहा है। मार्च में आरक्षण रद कराने वालों की संख्या भी कम थी। मार्च में 30-40 यात्री ही आरक्षण रद करा रहे थे और रेलवे को तीस हजार रुपये वापस करने पड़ रहे थे, इस समय करीब 60-65 आरक्षण रद हो रहे हैं और पचास हजार रुपये वापस करने पड़ रहे हैं। होली के समय मुुंबई की ओर करीब एक हजार यात्री यात्रा कर रहे थे, अब यह संख्या करीब ढाई-तीन सौ रह गई है। ट्रेनों में प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी 12-14 हजार से घटकर छह-सात हजार रह गई है। स्थिति यह कि यात्रियों की संख्या कम होने के कारण मथुरा-अलवर पैसेंजर, आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस रद करनी पड़ी है। रविवार से आगरा-नई दिल्ली इंटरसिटी भी रद होनी है।