विवि में 'भगवाकरण' पर आखिर क्या हुआ ऐसा जो कुलपति की गाड़ी के आगे लेट गए छात्र
विवि के जुबली हॉल में लगी कुर्सियों पर चढ़ाया गया है केसरिया कपड़ा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर चल रहा है काम। एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने किया विरोध।
आगरा(गौरव भारद्वाज): 25 सितंबर को प्रस्तावित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को लेकर आंबेडकर विवि में चल रहे कार्यो पर जमकर हंगामा हो गया। मार्क्सशीट और कार्यक्रम स्थल पर रखी जाने वाली कुर्सियों के भगवा रंग से नाराज एनएसयूआइ के छात्रों ने मंगलवार को जमकर हंगामा काटा। सुबह से कुलपति कार्यालय का घेराव कर रहे छात्र और कार्यकर्ता दोपहर तक आक्रोशित हो गए। कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित जैसे ही अपने कार्यालय से निकल कर गाड़ी में बैठने के लिए बढ़े छात्र और कार्यकर्ता उन्हें ज्ञापन देने आ गए। कुलपति के ज्ञापन लेने से इंकार करने पर छात्र और कार्यकर्ता उनकी गाड़ी के आगे लेट गए। करीब 20 मिनट तक विवि प्रशासन उन्हें हटाने का प्रयास करता रहा। दोनों पक्षों में तनातनी बनी रही। पुलिस ने आकर छात्रों को हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा। वहीं एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद आक्रोशित छात्र थाना हरीपर्वत का घेराव करने पहुंच गए।
इससे पूर्व कुलपति 25 सितंबर को विवि परिसर में होने वाले पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। छात्रों को विरोध करता देख वीसी कार से वापस हो गए। हालांकि छात्रों ने वीसी की गाड़ी का कुछ दूरी तक पीछा भी किया लेकिन वीसी ने वहां से निकलना बेहतर समझा। तब से छात्र कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दे रहे थे।
क्या है भगवाकरण का मामला:
कुछ समय पूर्व आंबेडकर विवि में बन रहीं नई मार्क्सशीट का रंग भगवा कर दिया गया। अब कुर्सियों पर भी रंग चढ़ाया जा रहा है। दरअसल पालीवाल पार्क परिसर में 25 सितंबर को पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण होना है। इसके तहत जुबली हॉल का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। हॉल में लगी कुर्सियों को निकाल दिया गया है। इनकी जगह नई कुर्सियां लगाई जा रही हैं। नई कुर्सियों पर केसरिया रंग चढ़ाया जा रहा है। विवि परिसर में यह काम हुआ है। यह कुर्सियां मैदान के बराबर में पॉलीथिन से ढकी हुई रखी हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले इन कुर्सियों को जुबली हॉल में लगाया जाना है। मार्क्सशीट के बाद अब कुर्सियों का रंग बदलने की चर्चा विवि में आम है। कर्मचारी कुर्सियों को देखने पहुंच रहे हैं। हर कोई इसको मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से जोड़कर देख रहा है। कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित का कहना है कि रंग चयन का काम मेरा नहीं है। जो रंग अच्छा लगता है, उसका प्रयोग किया जाता है।
अब और क्या बदलेगा?
मार्क्सशीट और कुर्सी का रंग बदलने के बाद किस-किस का रंग बदल सकता है, इसका कर्मचारी कयास लगा रहे हैं। इसे लेकर आपस में चुटकी भी ली जा रही है।