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New Method of Teaching: आएगा स्‍कूलों में बदलाव, अब होगी टाइम एंड मोशन तकनीक आधारित पढ़ाई

New Method of Teaching परिषदीय शिक्षक अब कक्षा में शिक्षण कार्य व बच्चों के साथ सीखने-सिखाने में अधिक समय बिताएंगे।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 02:29 PM (IST)
New Method of Teaching: आएगा स्‍कूलों में बदलाव, अब होगी टाइम एंड मोशन तकनीक आधारित पढ़ाई
New Method of Teaching: आएगा स्‍कूलों में बदलाव, अब होगी टाइम एंड मोशन तकनीक आधारित पढ़ाई

आगरा, संदीप शर्मा। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में पुराना ढर्रा बदलना होगा। इसके लिए शिक्षकों की कार्य दक्षता टाइम एंड मोशन स्टडी तकनीक के आधार पर मापकर शिक्षण कार्य कराया जाएगा।

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विभाग यह सारी कवायद मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कर रहा है। इसके तहत परिषदीय शिक्षक अब कक्षा में शिक्षण कार्य व बच्चों के साथ सीखने-सिखाने में अधिक समय बिताएंगे। शैक्षिक सत्र में 240 दिन शिक्षण करना ही होगा। वहीं एक अप्रैल से 30 सितंबर तक स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक और एक अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक रहेगा। शिक्षक रोजना सुबह 15 मिनट पहले और शिक्षण अवधि खत्म होने के करीब 30 मिनट बाद तक स्कूल में मौजूद रहेंगे।

केवल 25 दिन का होगी ग्रीष्मावकाश

विद्यालय की हर कक्षा न्यूनतम 40 मिनट की होगी। बच्चों को पढ़ाने के बाद रिवीजन कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालयों में सत्र 2021-22 से शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक जबकि ग्रीष्मकालीन अवकाश 20 मई से 15 जून तक ही होगी। गर्मीयों में 16 जून से विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। ग्रीष्मावकाश अब 40 की जगह सिर्फ 25 दिन की ही होगा।

विद्यालय अवधि में यह करेंगे शिक्षक

- अगले दिन की कक्षा की तैयारी दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध वीडियो देखकर करें।

- शिक्षण संग्रह मॉड्यूल के तहत सुबह प्रार्थना होगी। कक्षा परिवर्तन पर घंटी बजेगी।

- प्रार्थना के बाद बच्चों को योग, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रेरित किया जाएगा।

- शिक्षक डायरी बनाएंगे। हर दिन कक्षावार व विषयवार गृह कार्य देंगे और उसे जांचेंगे।

बच्चों लिए होंगी यह गतिविधियां

- ध्यानाकर्षण के 18 तकनीकी मॉड्यूल के तहत रिमीडियल टीचिंग, हर दो सप्ताह में यूनिट असेस्मेट टेस्ट होगा।

- शिक्षण में पठनीय सामग्री, पोस्टर, चार्ट व गणित के टीचिंग मैटेरियल का प्रयोग होगा।

- बच्चों को आपसी परिचर्चा, अपने अनुभव व कठिनाइयां साझा करने का मौका मिलेगा।

शिक्षण अवधि में यह न करें शिक्षक

- किसी भी प्रबंधकीय कार्य से शिक्षण अवधि में बाहर न जाएं। अनुपस्थित मिलने पर वेतन कटेगा।

- छुट्टी आवेदन केवल मानव संपदा पोर्टल पर करें। कार्यालय न जाएं।

- अन्य कार्यो के लिए टोल-फ्री नंबर-18004190102 पर ही संपर्क करें।

- कोई बच्चा नियमित विद्यालय नहीं आ रहा, तो उसे छोड़ने की बजाय अभिभावक से मिलकर समझाएं।

फिलहाल स्कूल खुलने का इंतजार है। उसके बाद ही नई व्यवस्था लागू होगी। शिक्षकों को इसी सत्र में शासन के नए दिशा-निर्देशों को अभ्यास में लाना है।

राजीव कुमार यादव, बीएसए।


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